वनराज खुद को रूम में बंद कर लेता है और अपने फेवरेट शोज को लैपटॉप में कुछ स्नैक्स के साथ इंजॉए करने लगता है। तभी अनुपमा आती है और कहती हैं कि वो होली के रंगों से बचने के लिए अपने ऊपर तेल लगा ले। वनराज कहता है कि वो पहले ही बता चुका है कोई उसके साथ होली नहीं खेलेगा। अनुपमा कहती है कि तब क्या होगा अगर पाखी ने जिद की और बालकनी से तुम्हारे कमरे में आ गई या फिर काव्या ने तुम्हे फोर्स किया। वनराज कहता है कि चाहे कोई भी कितनी भी जिद करे वो होली नहीं खेलेगा। अनुपमा कहती है कि ना सिर्फ ये उसकी पहली होली है बल्कि वनराज की भी पहली होली है। लेकिन वो फिर भी अनुपमा से जाने को कहता है। अनुपमा कहती है कि वो दरवाजे के पास तेल रखकर जा रही है। वनराज ये सोचकर नर्वस हो जाता है कि अनुपमा की गट फीलिंग हमेशा सही होती है और उसे तेल लगाना चाहिए या नहीं।
समर नंदिनी के पास जाता है और उसे तेल देता है। वो कहती है कि क्या वो शनि भगवान है कि उसे तेल भेंट कर रहा है। वो कहता है कि ये मम्मी ने भेजा है ताकि कोई कैमिकल रिएक्शन ना हो, इससे उसके प्यारे डिंपल वाले गालों पर कोई पिंपल नहीं होगा। नंदिनी कहती है कि उसे उसकी बहुत ज्यादा चिंता हो रही है। समर कहता है कि वो अपने लिए परेशान है क्योंकि पिंपल होने के बाद लड़कियां घर से बाहर नहीं निकलती हैं तो ये तेल उसकी नंदू के लिए है। वो कहत है कि थैंक्यू सम्मू। समर कहता है कि क्या पता कि ऐसे ये उनकी आखिरी होली हो क्योंकि इस साल शायद शादी हो जाए। नंदिनी कहती है कि वो अभी सिर्फ 22 साल का है। समर कहता है कि तो क्या हुआ, मिस्टर शाह ने इसी दौरान शादी की थी। वो कहता है कि उसने नंदिनी का सुबह में सपना देखा था। नंदिनी कहती है कि जरूर वो दिन में सपना देख रहा होगा या फिर कोई और लड़की होगी। समर कहता है कि सिर्फ वही एक ऐसी लड़की है जो उसके सपनों में आती है और गालों पर किस करती है। नंदिनी शरमा जाती है और कहती है कि परिवार के साथ होली खेलने के बाद वो सबसे पहले उसके रंग लगाएगा। दोनों का रोमांस देखकर समर के दुश्मन जल जाते हैं और उससे बदला लेने का फैसला तय करते हैं।
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अनुपमा-काव्या की टक्करकाव्या सोचती है कि चाहे वनराज कुछ भी करे वो उसे रंग लगाकर रहेगी। परिवार की पूजा होती है और फिर सभी बाहर होली खेलने चले जाते हैं। अनुपमा सभी पर रंग डालती है। बा कहती हैं कि ये तो चीटिंग हैं और उसके पीछे भागती हैं। अनुपमा काव्या से टकरा जाती है और वो गिर जाती है। काव्या से अनुपमा माफी मांगती है और मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाती है। काव्या कहती है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। अनुपमा कहती है कि बुरा ना मानो होली है। काव्या बेरुखी के साथ वहां से चली जाती है। परिवार एक दूसरे रंग लगाता है। अनुपमा खुशी के साथ डांस करती है। बा ऐसा देखकर बापूजी को दिखाती हैं। बापू जी अनुपमा की खुशी के लिए प्रार्थना करते हैं और कहते हैं कि उसका परिवार से रिश्ता कभी खत्म ना हो।
काव्या सभी को होली खेलते हुए देखकर सोचती है कि घर में जाकर वनराज को रंग लगाने का ये सबसे अच्छा मौका है। राखी ये सब देख लेती है और कहती है कि आउटसाइडर घर के अंदर घुसने की कोशिश में हैं। काव्या जो भी करे, वनराज उसके साथ होली नहीं खेलेगा। बा उससे नफरत करती हैं लेकिन हर फंक्शन में बुला लेती हैं। काव्या राखी को ताना मारती है और कहती है कि वो भांग क्यों नहीं लेती, कम से कम ऐसा लगेगा कि वो ये सब भांग के नशे में बोल रही है। काव्या के वहां से जाने के बाद राखी भांग का पैकेट इस्तेमाल करने के बारे में सोचती है।
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अनुपमा को चढ़ा भांग का नशाउधर पाखी पापा वनराज का रूम खटखटाती है और कहती है कि वो बाहर आकर होली खेलें। वनराज मना कर देता है और खिड़कियां भी बंद कर देता है। काव्या भी वनराज को बुलाती है वो उसे भी मना कर देता है। काव्या सोचती है कि जब तक वो बाहर नहीं आएगा उससे रंग कैसे लगाया जा सकेगा। राखी काव्या के लिए भांग वाला दूध भेजती है जो उसके कपड़ों पर गिर जाता है। दूध का गिलास साइड में रखकर वो खुद को साफ करने लगती है। अनुपमा उसे ठंडाई समझकर पी लेती है। वनराज खाने का इंतजार करता है और सोचता है कि अनुपमा अभी तक उसके लिए खाना क्यों नहीं लाई। राखी देखती है कि काव्या बिल्कुल ठीक है उस पर भांग का असर क्यों नहीं दिखा। अनुपमा पर भांग का असर चढ़ जाता है और वो अजीबों गरीब ड्रामा करने लगती है।