तोषो भी बोला परिवार के खिलाफ
राखी दवे के बाद तोषो भी वनराज से कहता है कि उसे भी शर्म आता है कि फटीर्च परिवार का हिस्सा है। अनुपमा कहती है कि उसका परिवार मेहनत कर रहा है इसलिए शर्म आ रही है। वनराज तोषो को कहता है कि उसे कम से कम अपनी सास का सहारा तो नहीं लेना पड़ा। ये सुनकर अनुपमा राखी देव को जाने को कहती है लेकिन काव्या कहती है कि ऐसे वो बात नहीं खत्म कर सकती। राखी दवे अनुपमा पर ही वनराज को आइडिया देने के लिए कसूरवार ठहराती है। राखी दवे अनुपमा को कहती है कि वो बिजनेस वुमन बनने की कोशिश ना करे।
अनुपमा-वनराज की दोस्ती पर उठे सवाल
राखी दवे वनराज और अनुपमा की दोस्ती पर भी सवाल उठाती है। राखी दवे कहती है कि एक लड़का और लड़की दोस्त हो सकते हैं, लेकिन एक्स वाइफ और एक्स हसबैंड दोस्त नहीं हो सकते हैं। काव्या भी अनुपमा को चालू कहती है। वहीं बाबू जी भी जब काव्या को चुप करवाते हैं तो राखी दवे बाबू जी के साथ बदतमीजी की बात करने की बात कहती है। ये सुनकर अनुपमा कहती है कि करके दिखाओ। राखी दवे वनराज को लेकर अनुपमा को ताने देती है। साथ ही कई गंभीर आरोप लगाती है। काव्या भी कहती है कि वो जानकर वनराज के पास रहती है ताकि वो उससे वो उसे चुरा ले।
बॉ ने समझाया काव्या और राखी दवे को
काव्या की बात सुनकर बॉ समझाती है कि जिसके पास जो होता है वो वही देता है। बॉ काव्या और राखी को समझाती है कि जिस तरह राखी दवे के पास जहर है और उसके पास कम दिमाग ऐसे में वो उतना ही कर सकते है। बॉ काव्या और राखी दवे को चेतवानी देती हैं कि अगर फिर से कभी उन्होंने अनुपमा पर सवाल किए तो वो दोनों के कान के नीचे सितार बजा देंगी। राखी दवे कहती है कि वो उसकी बेटी से भीख ना मंगवाने लग जाएं इसलिए वो उनके घर आती है। ये सुनकर साथ में अनुपमा और वनराज बोलते हैं। जिस पर राखी दवे फिर दोनों के रिश्तों पर सवाल उठाती है।
अनुपमा ने बताया औरत को औरत का दुश्मन
राखी दवे अनुपमा और वनराज की ट्यूनिंग पर बात करती है। राखी दवे कहती है कि वनराज की जिंदगी में पहले भी दो औरतें थीं और आज भी दो हैं। राखी दवे और अनुपमा के बीच खूब हंगामा होता है। राखी दवे बॉ को केस करने की बात धमकी देती है। तभी अनुपमा कहती है कि एक औरत की दुश्मन औरत है। अगर तलाक के बाद वो रो रही होती तो किसी को दिक्कत नहीं होती। आज वो खुश है। अपने एक्स पति से उसे कोई शिकायत नहीं है वो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गई हैं। तो सब उसके चरित्र पर सवाल उठाने लगे हैं।
अनुपमा फैसला लेती है कि काव्या और वनराज की तकलीफ को वो हमेशा के लिए खत्म कर देगी। अनुपमा काव्या से पूछती है कि उसके घर में रहने से उसे दिक्कत है। काव्या अनुपमा को कहती है कि उसे कैफे से भी दिक्कत है। तभी अनुपमा कहती है कि फिर वो समान बंधे और निकल जाए। अनुपमा काव्या और वनराज को घर से निकलने को कहती है। साथ ही अनुपमा बताती है कि कैफे के पेपर्स पर बस काम के लिए उनका नाम लिखा है।
चरित्र पर उठते सवालों से परेशान अनुपमा
बॉ जब अनुपमा को कहती है कि वो क्या कर रही है। तब वो कहती है कि वो थक गई हैं काव्या और राखी दवे के तानों से हमेशा उन्हें चरित्र सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। घर से जाने की बात सुनकर काव्या के सुर बदल जाते हैं। वो कहती हैं कि जब उनके पास जॉब और घर नहीं होगा तो वो कैसे गुज़रा करेंगे। अनुपमा कहती है कि वो उसकी दिक्कत नहीं है।
वनराज की गलती का अनुपमा ने दिलाया एहसास
वनराज अनुपमा के फैसले से काफी हैरान होता है। वो कहता है कि उसने तो कुछ कहा ही नहीं। तभी अनुपमा कहती है कि उसकी यही गलती है कि वो वक्त आने पर भी चुप रहता है। ना वो अपनी पत्नी काव्या को चुप करा पाए और ना वो अपनी समधन समझा पाए। तभी काव्या अनुपमा के सामने हाथ जोड़ती है कि अभी उसके और वनराज के पास ना तो जब है और ना ही घर। ऐसे में वो कहां जाएंगे। तभी अनुपमा कहती है उसका काव्या बनकर सबको कैसा लगा।
अनुपमा कहती है कि सबको उनकी अच्छाई से दिक्कत थी। अनुपमा काव्या को चेतावनी देती है कि अगर वो काव्या बन जाएगी तो उसके लिए भी परेशानी होगी और अगर फिर उसके चरित्र पर उंगली उठाई तो जो आज उसने जो कहा है वो करके भी दिखा देगी।
( Precap– इतने हंगामे के बाद अनुपमा वनराज से दूरी बनानी शुरू कर देती है। बॉ कैफे में शेफ के पास जाकर अनुपमा संग खाने की एक डिश बनाने की बात कहती है लेकिन अनुपमा कैफे में जाने से माना कर देती है। ऐसे में काव्या वनराज को कहती है कि उसे किसी की जरूरत नहीं है वो है ना उसके पास)