काव्या ने भरे अनुपमा के खिलाफ बॉ के कान
अनुज अनुपमा को कहता है कि लोगों को लगता है कि पैसों से बिजनेस चलता है, लेकिन असल में काम लोगों से चलता है। अनुज कहता है कि वो काफी बस खुद पर विश्वास रखे। अनुपमा कहती है कि कल गुणेश चतुर्थी है। तो कल बहुत अच्छा दिन है। अनुपमा अनुज से हाथ मिलाती है और कहती है कि नई अब वो पार्टनर्स है। दूसरी तरफ बॉ गणेश चतुर्थी की तैयारी करते हुए लड्डू बना रही होती है। काव्या कहती है कि वो बाहर से क्यों नहीं मांगा लेती। बॉ कहती है कि पहले अनुपमा लड्डू बनाती थी। काव्या कहती है कि अनुपमा जानती है कि घर में त्योहार है,लेकिन आज भी वो जल्दी नहीं आई।
अनुज को मिला अनुपमा का फोन नंबर
अनुपमा ऑफिस से निकलती है। अनुज कहता है कि ऑटो बुला लेता है। अनुपमा बताती है कि वो कार से आई है। ये सुनकर अनुज चौंक जाता है। अनुज अनुपमा से उनका फोन नंबर मांगता है। अनुपमा नंबर देती है। अनुपमा के जाते ही मोबाइल में नंबर देख बहुत खुश हो जाता है।
समर पर भड़क वनराज
समर और स्वीटी घर को सजाने का सामान लेकर घर पहुंचते हैं। समर कहता है कि गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए वो अनुज को भी बुला लेते हैं, ये बात सुनते ही वनराज भड़क जाता है। वनराज समर को कहता है कि अनुज नहीं आएगा। घर की पूजा में सिर्फ घर वाले ही होंगे। वनराज समर पर चिल्लाते हुए उसे चुप रहने को कहता है। समर कहता है कि काव्या तो पूरा दिन उनके घर पर ही रहती थी। अनुज मम्मी का दोस्त है इसलिए प्रॉब्लम हो रही है।
समर वनराज को धमकी देता है कि अगर वो ज्यादा कुछ कहेगा तो वो उससे बात करना भी बंद कर देगा। वहीं काव्या वनराज से कहती है कि एक दिन अनुज अपने पैसों की पॉवर से उसके तीनों बच्चों को छीन लेगा। वनराज कहता है कि इसकी जिम्मेदार केवल अनुपमा है।
देविका से मांगी अनुपमा ने माफी
अनुपमा दफ्तर से निकलकर सीधा अपनी दोस्त देविका से मिलने पहुंचती है। देविका अनुपमा से बात नहीं कर होती है और गुस्सा होती है। तभी अनुपमा देविका को एक कॉफी का गिलास देती है। जिस पर लिखा होता है कि मैंने अनुज को हां कह दिया है। ये देख देविका बहुत खुश हो जाती है। देविका अनुपमा को कहती है कि ये फैसला उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा और अच्छा फैसला है। अनुपमा कहती है कि ये फैसला अनुज के लिए भी अच्छा साबित हो।
काका ने बुलाया अनुपमा के परिवार को गणेश चतुर्थी पर
वहीं दूसरी ओर काका प्लान कर रहे हैं गणेश चतुर्थी पर वो अनुपमा और उसके परिवार को घर पर बुलाएं। काका की ये बात सुनकर अनुज काफी चौंक जाता है। अनुज कहता है कि उन्होंने बुलाने से कोई गड़बड़ ना हो जाए। अनुज काका को ताना मारते हुए कहता है कि वो अनुपमा को देख कहीं खो जाते हैं, लेकिन काका वादा करते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होगा। अनुज आखिरी में मान जाता है। अनुज कहता है कि अनुपमा पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। अनुज और काका घर गणेश चतुर्थी की तैयारी के लिए निकलते हैं।
अनुपमा ने किया देविका का धन्यवाद
अनुपमा देविका को बताती है कि उसे डर भी लग रहा है। अनुपमा बताती है कि उसकी खुशियों के साथ दुख भी मिलता है। अनुपमा कहती है कि खुशियां के साथ डर भी लग रहा है। देविका मन ही मन कहती है कि अनुज सब ठीक कर देगा। अनुपमा देविका को कहती है उसे साइट पर जाना है। वो चलेगी उसके साथ। देविका कहती है कि ये काम पार्टनर का काम होता है। अनुपमा देविका को फिर से थैंक्यू कहती है। देविका कहती है कि उसने ये खुद की मदद की है। अनुपमा जाती है और देविका कहती है उन्हें उससे एक और हां की उम्मीद है पर वो थोड़ी मुश्किल होगी।
बाबू जी ने दिया अनुपमा का साथ
काका और अनुज अनुपमा के घर गणेश चतुर्थी में आने का नौता भेजते हैं। वनराज जिसे सुनकर गुस्सा हो जाता है। वनराज कहता है कि कोई भी अनुज के घर नहीं जाएगा। बाबू जी कहते हैं कि वो जाएंगे। तभी अनुपमा आ जाती है और बॉ उसे कहती है कि उसकी वजह से घर में सुबह शाम झगड़े हो रहे हैं। बाबू जी अनुपमा के पास जाते हैं और कहते हैं कि वो शान से घर के अंदर आए और मान से घर के बाहर जाए।
काव्या वनराज रचेंगे अनुपमा के खिलाफ साजिश
वनराज गुस्से में अनुज को फोन मिलाने लगता है। काव्या वनराज के हाथ से फोन छीनती है और कहती है कि वो अनुज कपाड़िया है कोई राह चलता आदमी नहीं। काव्या वनराज को याद दिलाती है कि जब उसने उसके काका को गलती से कुछ कह दिया था तो उसका रिएक्शन कैसा था। काव्या वनराज को कहती है कि अगर वो ऐसा करेगा तो दोनों की जॉब चली जाएगी। काव्या बताती है कि बाबू और अनुज इस वक्त अनुपमा के सपोर्ट में हैं। काव्या कहती है कि इस खेल शांत दिमाग से खेले। तभी वो जीत पाएगा। काव्या वनराज को गुस्सा अनुपमा पर निकालने को कहता है।
अनुज वनराज को लेकर काका से की बात
अनुज काका मोदक बना रह होते हैं। तभी काका कहते हैं कि कल अनुपमा घर आ रही है वो उसे क्या दें? अनुज कहता है कि वो अनुपमा पुश्तैनी हार दे दें। ये सुनकर काका कहते हैं कि वो तो लॉकर में है और कल भी छुट्टी है। ये बात सुनकर अनुज कहता है कि वो मज़ाक कर रहा था। काका भी अनुज की टांग खींचते हैं और कहते हैं कि वो भी मज़ाक कर रहे थे। अनुज काका से कहता है कि उसे लगता है कि वनराज को कोई दिक्कत है। उसके चेहरे पर दिखाई देता है कि उसे अनुपमा के दोस्त के रूप में वो पसंद नहीं है। अनुज काका से कहता है कि वो अनुपमा की निजी जिंदगी में कभी भी कुछ भी नहीं बोलेगा। लेकिन अगर कभी वनराज ने बाहर कुछ किया और वो कुछ नहीं कर पाई तो फिर वो खुद को नहीं रोक पाएगा।
( Precap– गणेश चतुर्थी के मौके पर अनुपमा अनुज के घर पहुंचती है। जिसे देख अनुज काफी खुश हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कैफ में गणेश चतुर्थी की पूजा होती है। तो वनराज अनुपमा को कहता है कि वो अब से उसके बिना ही अपना कैफे संभाल लेगा और अपने फाइव स्टार पर ही ध्यान दें। यही नहीं वनराज कैफे के मैन्यू से अनुपमा की बनाई डिश को भी हटाने को कहता है।)