विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ किले में इस तरह की अव्यवस्थाओं का सामना करने पर राजस्थान पर्यटन की किरकिरी हो रही है। यात्रियों को इतना परेशान होना पड़ा कि वे शो खत्म होने से पहले ही ट्रेन में सवार हो गए।
जैसलमेर में न मिलें ऐसे हालात, कलेक्टर से लगाई गुहार
ट्रेन चित्तौड़गढ़ से रवाना होकर रविवार सुबह जैसलमेर पहुंची। यहां के स्मारकों पर ऐसे ही हालात न मिलें, इसके लिए यात्रियों को घुमाने से पहले प्रबंधन ने जैसलमेर के कलक्टर से मुलाकात की और स्मारकों के टॉयलेट और अन्य अव्यवस्थाओं के सुधार की गुहार लगाई।करोड़ों खर्च होते हैं सालाना रखरखाव पर
जानकारी के अनुसार, किले के रखरखाव पर सालाना करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद विदेशी पर्यटकों को ऐसे अनुभव का सामना करने के बाद रखरखाव सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि स्मारकों पर साफ-सफाई, पर्यटकों की सुरक्षा, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है।किले के पद्मिनी पैलेस और कुंभा पैलेस में ये दिखी अव्यवस्थाएं
टूटे हुए टॉयलेट्स, गंदगी, पानी की कमीटॉयलेट्स व अन्य जगहों पर मकड़ी के जाले और बदबू
मेहमानों के लिए पीने के साफ पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी
चित्तौड़गढ़ किले में अव्यवस्थाओं के कारण मेहमानों को काफी परेशानी हुई। व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कलक्टर को पत्र लिखा जाएगा। वहीं, जैसलमेर पहुंचने पर कलक्टर से मुलाकात कर यहां के स्मारकों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार का आग्रह किया गया है।
भगत सिंह
ओएंडएम ऑपरेटर
पैलेस ऑन व्हील्स
ओएंडएम ऑपरेटर
पैलेस ऑन व्हील्स