उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में बसा हुआ नैनीताल देश-दुनिया के पर्यटकों को बरबस ही अपनी आेर आकर्षित करता है। आम सैलानियों के साथ हनीमून कपल के लिए भी नैनीताल एक खूबसूरत डेस्टीनेशन है। जहां गर्मियों में नैनीताल की खूबसूरती और ठंडा मौसम सैलानियों को अपनी ओर जैसे खींच लाता है वहीं सर्दियों में बर्फबारी और विंटर स्पोर्ट्स के दीवानों के लिए नैनीताल स्वर्ग बन जाता है।
2/12
चीनी व्यापारी की थी नैनीताल की खोज
नैनीताल की खोज सन 1841 में एक अंग्रेज चीनी (शुगर) व्यापारी ने की। बाद में अंग्रेजों ने इसे अपनी आरामगाह और स्वास्थ्य लाभ लेने की जगह के रूप में विकसित किया। नैनीताल तीन ओर से घने पेड़ों की छाया में ऊंचे-ऊंचे पर्वतों के बीच समुद्रतल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यहां के ताल की लंबाई करीब 1358 मीटर और चौड़ाई करीब 458 मीटर है।
3/12
नैनीताल की खूबसूरत जगहः
तल्लीताल और मल्लीताल
नैनीताल का मल्ला भाग (ऊपरी हिस्सा) मल्लीताल और नीचला भाग तल्लीताल कहलाता है। मल्लीताल में एक फ्लैट खुला मैदान है और यहां पर खेल तमाशे होते रहते हैं। इस फ्लैट पर शाम होते ही सैलानी इकट्ठे हो जाते है। भोटिया मार्केट में गर्म कपड़े, कैंडल और बेहतरीन गिफ्ट आइटम मिलते हैं। यहीं पर नैयना देवी मंदिर भी है।
4/12
माल रोड
मल्लीताल से तल्लीताल को जोड़ने वाली सड़क को माल रोड कहा जाता है। माल रोड पर जगह-जगह लोगों के बैठने और आराम करने के लिए लिए बेंच लगे हुए हैं। सैर-सपाटे के लिए यहां आने वाले सैलानी पैदल ही करीब डेढ़ किमी की इस दूरी को शॉपिंग करते हुए तय कर लेते हैं। वैसे दोनों ओर से रिक्शों की अच्छी व्यवस्था है। लेकिन यहां रिक्शे को लिए भी लाइन लगानी पड़ती है। कोई भी रिक्शा चालक लाइन से अलग खड़े लोगों को रिक्शे में नहीं बिठा सकता, यह रिक्शा यूनियन का स्पष्ट निर्देश है।
5/12
रोपवे
मल्लीताल से स्नोव्यू तक रोपवे का आनंद लिया जा सकता है। यहां सैलानी दो ट्रॉली से आसमानी सैर करके नैनीताल के खूबसूरत नजारों का लुत्फ लेते हैं।
6/12
घुड़सवारी
नैनीताल आने वाले सैलानियों के लिए हॉर्स राइडिंग एक और आकर्षण है। यहां बारापत्थर से घोड़े किराए पर लेकर सैलानी नैनीताल की अलग-अलग चोटियों की सैर करते हैं। शहर के अंदर घुड़सवारी अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
7/12
राजभवन
इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस की तर्ज पर बनाए गए राजभवन का निर्माण अंग्रेजों ने उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के गवर्नर के रहने के लिए किया था। अब यहां उत्तराखंड के राज्यपाल का निवास है और राज्य के अतिथि भी यहां आकर ठहरते हैं। दो मंजिला इमारत में 113 कमरे हैं। यहां शानदार गार्डन, गोल्फ लिंक, स्वीमिंग पुल, झंडीदार मोदी हाइट्स, मुंशी हाइट्स जैसी जगहें राजभवन में देखने योग्य हैं।
8/12
चाइना पीक
नैनीताल की सात चोटियों में 2611 मीटर ऊंची चाइना पीक सबसे ऊंची चोटी है। चाइना पीक की दूरी नैनीताल से लगभग 6 किलोमीटर है। इस चोटी से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों के दर्शन होते हैं। यहां से नैनीताल झील और शहर के भी भव्य दर्शन होते हैं। यहां एक रेस्तरां भी है।
9/12
टिफिन टॉप
टिफिन टॉप से हिमालय के खूबसूरत नजारे दिखते हैं, यहां से नेपाल की ऊंची-ऊंची हिमालय पर्वत श्रृंखलाएं भी नजर आती हैं।
10/12
नैनीताल चिड़ियाघर
नैनीताल का चिड़ियाघर बस अड्डे से करीब 1 किमी दूर है. इसका नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है। चिड़ियाघर में बंदर से लेकर हिमालय का काला भालू, तेंदुए, साइबेरियाई बाघ, पाम सिवेट बिल्ली, भेड़िया, चमकीले तितर, गुलाबी गर्दन वाले प्रकील पक्षी, पहाड़ी लोमड़ी, घोरल, हिरण और सांभर जैसे जानवर हैं। जू हर सोमवार, राष्ट्रीय अवकाश और होली-दिवाली के मौके पर बंद रहता है।
11/12
कैसें पहुंचे नैनीताल
एनएच 87 नैनीताल को पूरे देश से जोड़ता है। नैनीताल में रेल और हवाई सेवाएं नहीं हैं, लेकिन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन यहां से सिर्फ 34 किमी दूर काठगोदाम में है। काठगोदाम से नैनीताल के लिए राज्य परिवहन की गाड़ियां दिन में हर समय उपलब्ध रहती हैं। इसके अलावा शेयर टैक्सी 100 रुपये प्रति व्यक्ति और बुक करने पर 500 रुपये में यहां रेलवे स्टेशन के बाहर ही मिल जाती हैं। अगर आप हवाई मार्ग से नैनीताल जाना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी पंतनगर एयरपोर्ट करीब 55 किमी दूर है।
12/12
देश के कुछ प्रमुख स्थानों से नैनीताल की दूरी
दिल्ली: 320 किमी
अल्मोड़ा: 68 किमी
हल्द्वानी: 38 किमी
जिम कॉर्बेट पार्क: 68 किमी
बरेली: 190 किमी
लखनऊ: 445 किमी
हरिद्वार: 234 किमी
मेरठ: 275 किमी