बता दें, सचिन पायलट का यह दौरा सियासी हलकों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार दोनों पर निशाना साधा और जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इस दौरान पायलट ने आज कई जगह मीडिया से बातचीत की, कई जगहों पर भाषण दिया।
राज्य सरकार को बताया विफल
सचिन पायलट ने राज्य की बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि किसी भी सरकार का पहला साल जनता से किए वादे और उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए होता है। लेकिन बीजेपी सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में किसानों की मांगों, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और अन्य मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया समझ से परे है। यह भी पढ़ें
उपचुनाव में हार का असर: राजस्थान कांग्रेस में फेरबदल शुरू, डोटासरा ने लगाए 27 ब्लॉक अध्यक्ष; नए चेहरों को दी प्राथमिकता
ईआरसीपी को लेकर केंद्र पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे और ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) पर चल रही अटकलों को लेकर पायलट ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सरकारें हैं, लेकिन ईआरसीपी को लेकर कोई ठोस जानकारी या समझौता जनता के सामने नहीं रखा गया। सरकार इस मामले में पारदर्शिता बरतने में विफल रही है।किसानों-महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता
पायलट ने किसानों के हालात और महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार मूंग और मूंगफली की खरीद को लेकर चिंतित नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और महिलाएं असुरक्षित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मंदिर-मस्जिद के मुद्दों को हवा देकर असली समस्याओं से जनता का ध्यान भटका रही है।समरावता कांड पर न्यायिक जांच की मांग
पायलट ने समरावता कांड को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए और न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को हिंसा करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। जिन लोगों पर बर्बरता हुई, उनके वाहन जले, हड्डियां टूटीं, उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला। यह मैं नहीं, बीजेपी के लोग भी कह रहे हैं। यह भी पढ़ें
‘मैं ऐसे छुरा नहीं घोंपता, जैसे दौसा में घोंपा गया’, किरोड़ी लाल का बड़ा बयान; बोले- CI कविता शर्मा को गिरफ्तार करे सरकार
अजमेर और संभल विवाद पर तीखी टिप्पणी
अजमेर दरगाह और संभल स्थित जामा मस्जिद विवाद को लेकर पायलट ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 1991 में एक कानून पारित किया गया था और वो कानून सर्वसम्मति से संसद ने पारित किया था कि देश की आजादी के बाद जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनको यथावत रखा जाएगा। चाहे संभल का मामला हो या अजमेर का मामला हो, जानबूझकर कुछ ताकतें है इस देश में जो चाहती हैं कि जनता का ध्यान किसान, महंगाई, बेरोजगारी से हटाकर इन मुद्दों पर आकर्षित किया जाए।राहुल गांधी को रोके जाने पर सवाल
संभल हिंसा में निर्दोष लोगों की मौत पर पायलट ने कहा कि संभल में निर्दोष लोगों की मौत हुई…आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल में जिन लोगों की मौते हुई हैं, उनके परिवार से मिलना चाहते थे लेकिन उनको जाने से रोक दिया गया। वहां तनाव का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि भाजपा की राजनीति ध्रुवीकरण पर टिकी हुई है।भाजपा प्रदेश प्रभारी पर पलटवार
पायलट ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैं अग्रवाल जी से कभी नहीं मिला, लेकिन जब मिलूंगा तो जरूर पूछूंगा कि वह मुझसे इतना विशेष प्रेम क्यों रखते हैं। राजनीति में एक स्तर बनाए रखना चाहिए। अपने विरोधियों को भी हमें कभी कम नहीं आंकना चाहिए। कड़वे बोल बोलकर कोई आगे नहीं जा सकता। यह भी पढ़ें
छात्रा के घर देर रात पुलिस की दबिश, बचाव में उतरे मंत्री किरोड़ी लाल; SI भर्ती परीक्षा रद्द की कर रहे मांग
युवाओं की नौकरी का मुद्दा उठाया
पायलट ने कहा कि इन विवादों से आम जनता के बुनियादी मुद्दों पर ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, लेकिन सरकार को इन सबकी परवाह नहीं है। बस अखबारों और टीवी पर सुर्खियां बटोरने की कवायद चल रही है। उन्होंने कहा कि इसको खोदो, वो निकलेगा, उसको खोदो, वो निकलेगा। बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं और इन्हें खुदाई की पड़ी है। वहीं, किरोड़ी लाल मीणा की तरफ से पिछली रात एसआई भर्ती रद्द मामले में आंदोलन करने वाले नेताओं पर पुलिस कार्रवाई का विरोध करने पर सचिन पायलट ने कहा कि सरकार में शामिल किरोड़ी लाल आवाज उठा रहे हैं। सरकार को जनता की आवाज को सुनना चाहिए।
यहां देखें वीडियो-
Hindi News / Tonk / ‘टाबरों को नौकरी मिल नहीं रही और इन्हें खुदाई की पड़ी है’, टोंक में बोले पायलट; समरावता कांड और किरोड़ी पर दिया ये बयान