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सांसद हरीश मीणा बोले- ‘कभी-कभी चोरों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है’, नरेश मीणा ने लगाया था ये आरोप

Rajasthan Politics: टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद हरीश मीणा ने टिकट बेचने के आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र में कोई कुछ भी बोल सकता है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।

टोंकDec 07, 2024 / 08:59 pm

Nirmal Pareek

Rajasthan Politics: टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद हरीश मीणा ने शनिवार को एक कार्यक्रम में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के कांग्रेस का टिकट बेचने के आरोप पर जवाब दिया। सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में कोई कुछ भी बोल सकता है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि चुनाव में कोई भी किसी पर आरोप लगा सकता है, कभी-कभी चोरों और डकैतों से भी ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है।

संसद सत्र की वजह से नहीं जा पाया- सांसद

निवाई में शनिवार को पीएमश्री योजना में चयनित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 77 लाख 31 हजार रुपए की लागत से चार कक्षा कक्ष बरामदा और एक बाल वाटिका का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में मीणा ने कहा कि संसद का सत्र चलने की वजह से अभी तक मैं समरावता गांव का दौरा नहीं कर सका।
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वहीं, उपचुनाव में कांग्रेस के तीसरे स्थान पर रहने पर चिंता जताते हुए सांसद ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से हार पर मंथन कर रहे है। कमी को दूर पुनः कांग्रेस का परचम लहराएगा। राज्य के केबिनेट मंत्री करोडीलाल मीणा पर रपट डालने के मामले में पूछे गए सवाल पर सांसद मीना ने उनकी पार्टी का मामला बताकर जवाब नहीं दिया।

समरावता कांड पर क्या बोले सांसद?

सांसद ने पत्रकारों को बताया कि समरावता कांड राज्य सरकार और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। उनको समय रहते ध्यान देना चाहिए। समरावता कांड में एक भी दोषी व्यक्ति को नहीं छोड़ना चाहिए और निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
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क्या है समरावता थप्पड़ कांड?

यह मामला टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दिन 13 नवंबर का है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी (मालपुरा SDM) ने मतदाताओं से जबरन वोट डलवाए, जिसमें एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल थी। इसके बाद नरेश मीणा ने विरोध करते हुए SDM को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद देर रात पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, जिससे गांव में आगजनी और हिंसा भड़क उठी। हिंसा में दो पुलिस वाहनों सहित नौ अन्य वाहन और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

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