टोंक

राजस्थान में पटरी नहीं चढ़ पाई उम्मीदों की रेल! टकटकी लगाए बैठे रहे इस जिले के लोग लेकिन नहीं हुआ कोई जिक्र

Interim Budget 2024 : केन्द्र सरकार की ओर से गुरुवार को संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट में टोंक जिले वासियों को रेल की कोई सौगात नहीं मिली। इस बजट में जिलेवासी टकटकी लगाए हुए थे, लेकिन पूरा बजट पेश होने के बाद टोंक रेल लाइन का नाम कहीं सुनाई नहीं दिया।

टोंकFeb 02, 2024 / 09:58 am

Kirti Verma

Interim Budget 2024 : केन्द्र सरकार की ओर से गुरुवार को संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट में टोंक जिले वासियों को रेल की कोई सौगात नहीं मिली। इस बजट में जिलेवासी टकटकी लगाए हुए थे, लेकिन पूरा बजट पेश होने के बाद टोंक रेल लाइन का नाम कहीं सुनाई नहीं दिया। गौरतलब है कि वर्ष 2012 के केन्द्रीय रेल के पूरक बजट में टोंक के लिए रेल लाइन स्वीकृत होने के बाद रेल विभाग ने स्टेशन, फ्लाइओवर तथा रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे समेत अन्य सभी कार्य पूरे कर लिए थे। इसके बाद रेल का मुद्दा राज्य व केन्द्र सरकार के बीच जमीन अधिग्रहण को लेकर फंस गया। इसका खामियाजा टोंक के लोगों को विकास नहीं होने को लेकर भुगतना पड़ रहा है। टोंक में रेल नहीं होने का सबसे बड़ा नुकसान रोजगार का हो रहा है। इसके साथ ही टोंक जिले में पयर्टन की असीम सम्भावनाएं होने के बावजूद देश-विदेश के पर्यटक टोंक तक को नहीं जान पा रहे हैं।

165 किलोमीटर है लम्बाई
अजमेर-टोंक-सवाईमाधोपुर रेल परियोजना की कुल लम्बाई 165 किलोमीटर है। इसके लिए अनुमानित 873.71 करोड़ रुपए खर्च आंका गया था। रेल का कार्य सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा से शुरू होकर टोंक व अजमेर जिले के कई गांवों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है।

यह भी पढ़ें

राजस्थान को बड़ा तोहफा, तीन बड़े रेल कॉरिडोर का होगा निर्माण, पहली बार सर्वाधिक बजट आवंटित


23 स्टेशन बनना प्रस्तावित

अजमेर के नसीराबाद से सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा तक 23 स्टेशन बनाए जाना प्रस्तावित है। इसमें चौथ का बरवाड़ा, टोंक के टोडारायसिंह का दाबडदूम्बा, बनसेरा, बरवास, टोंक का डारदाहिंद, बमोर, खेड़ा, बनेठा, सेदरी, अजमेर के नसीराबाद, लिहारवाड़ा, जयवंतपुरा, सराना, गोयला, सरवाड़, सूरजपुरा, केकड़ी, मेवड़ा, कालन, नया गांव व बघेरा शामिल हैं।

जब कर लिया तय
रेल विभाग ने सर्वे की निविदा 4 फरवरी 2016 को जारी की थी। इसके बाद से अब तक सर्वे टीम ने रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन, रेलवे स्टेशन, ब्रिज समेत अन्य की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली थी। अब महज शिलान्यास बाकी था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से जमीन अतिग्रहण की राशि उपलब्ध नहीं कराने से मामला अटक गया। सर्वे टीम के मुताबिक टोंक में सवाईमाधोपुर चौराहे के समीप स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है।

यह भी पढ़ें

Good News : अब सिर्फ 24 घंटे में मिलेगा बिजली का नया कनेक्शन, जारी हुए आदेश

विकास के पथ पर होगा जिला
रेल नहीं होने से टोंक जिला आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। रेल होने पर जिला विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा। सबसे अधिक औद्योगिक क्षेत्र को फायदा होगा, लेकिन रेल की कमी के चलते ऐसा नहीं हो रहा है।

सालों से है इंतजार
टोंक के लोग रेल का इंतजार सालों से कर रहे हैं। करीब 7 दशक पहले पूर्व सांसद कवि केसरलाल ने रेल की मांग उठाई थी। इसके बाद कई सांसदों ने भी इसके बारे में सोचा, लेकिन इसे बुनियाद तक भी नहीं ले पाए। पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा ने जनता की आवाज सुनी और वर्ष 2012 के पूरक बजट में टोंक के लिए रेल स्वीकृत कराई। इसके बाद सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया ने भी इसके लिए संसद में आवाज उठाई, लेकिन ये आवाज सरकार की कानों तक नहीं पहुंची। इसके चलते रेल के आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी और सर्वे से आगे रेल का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया।

केन्द्र व राज्य में अब भाजपा की सरकार आ गई है। अब दोनों सरकारों को मिलकर चौथ का बरवाड़ा-अजमेर रेल लाइन वाया टोंक के कार्य शुरू होने में आ रही अड़चनों को दूर करें और जल्द कार्य का शिलान्यास करवाए। गत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल को भी इस बारे में ज्ञापन दिया गया था।
अकबर खान, अध्यक्ष, रेल लाओ संघर्ष समिति, टोंक


केन्द्र से योजना स्वीकृत…राज्य सरकार जमीन दे
केन्द्र सरकार की ओर से रेल लाइन बिछाने की स्वीकृति मिली हुई है। अब राज्य सरकार को जमीन आवंटन करना है। राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा दे तो योजना पर काम शुरू हो जाएगा। ये सही बात है कि राज्य में भी भाजपा की सरकार हाल में बनी है। मुख्यमंत्री से इस बारे में वार्ता की जाएगी।
सुखबीर सिंह जौनापुरिया, सांसद, टोंक-सवाईमाधोपुर

Hindi News / Tonk / राजस्थान में पटरी नहीं चढ़ पाई उम्मीदों की रेल! टकटकी लगाए बैठे रहे इस जिले के लोग लेकिन नहीं हुआ कोई जिक्र

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.