रूस-यूक्रेन के युद्ध से जिले के कई परिवार ङ्क्षचतित
टोंक. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे जिले के विद्यार्थियों को लेकर परिवार की ङ्क्षचता कम नहीं हो रही है। यूक्रेन और रूस के बीच रहे युद्ध के चलते विद्यार्थी सहमे हुए हैं। हर पल उन्हें बमबारी को लेकर ङ्क्षचता हो रही है। हालांकि जिले के कई विद्यार्थी रोमानिया स्थित भारतीय दूतावास पहुंच गए हैं।
टोंक. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे जिले के विद्यार्थियों को लेकर परिवार की ङ्क्षचता कम नहीं हो रही है। यूक्रेन और रूस के बीच रहे युद्ध के चलते विद्यार्थी सहमे हुए हैं। हर पल उन्हें बमबारी को लेकर ङ्क्षचता हो रही है। हालांकि जिले के कई विद्यार्थी रोमानिया स्थित भारतीय दूतावास पहुंच गए हैं।
इससे उनके जल्द लौटने की सम्भावना है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को फलाइट नहीं मिलने से उनके परिजन परेशान है।
होटल में ठहराया
आदर्शनगर का आयुष गौतम अन्य साथियों के साथ यूक्रेन से मंगलवार को पौलेण्ड पहुंच गया है। दोपहर बारह बजे उसके पिता पुरुषोतम गौतम से हुई उसकी बात हुई।
होटल में ठहराया
आदर्शनगर का आयुष गौतम अन्य साथियों के साथ यूक्रेन से मंगलवार को पौलेण्ड पहुंच गया है। दोपहर बारह बजे उसके पिता पुरुषोतम गौतम से हुई उसकी बात हुई।
पुरुषोतम गौतम ने बताया कि पौलेण्ड पहुंचने के बाद केन्द्र सरकार के राजूदत की ओर से उनको होटल में ठहराया गया है तथा खाने की व्यवस्था भी की गई है। इसका कोई शुल्क भी नहीं लिया गया है। बुधवार को उनको नई दिल्ली के लिए प्लाइट मिलने की संभावना है।
टोडारायङ्क्षसह. रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद पिछले तीन दिन से रोमानिया बार्डर पर फंसे खरेड़ा निवासी अजय समेत अन्य भारतीय विद्यार्थी बार्डर पार कर रोमानिया पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है। उल्लेखनीय है कि रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद रोमानिया बार्डर में फंसे खरेड़ा निवासी अजय शर्मा को लेकर परिजन ङ्क्षचतित थे।
खरेड़ा निवासी भागचंद शर्मा ने बताया कि अजय समेत यूनिवर्सिटी के अन्य 220 विद्यार्थी तीन दिन से भूखे-प्यासे रोमानिया बार्डर पर फंसे हुए थे। हेल्प लाइन से भी मदद नहीं मिलने से परिजन परेशान थे।
सोमवार दोपहर बाद बार्डर पर फंसे अजय से दूरभाष संपर्क टूटने से परिजनों की चिंता और बढ़ गई थी। हालांकि रोमानिया के लोगों द्वारा बार्डर पर फंसे युवकों के लिए भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए गए थे। अजय ने उसके पिता भागचंद शर्मा को बताया कि भारतीय दूतावास व यूनिवर्सिटी में बने इंडियन स्टुडेंट सोसायिटी के सहयोग से बार्डर पार होने के बाद रोमानिया स्थित भारतीय दूतावास के सैंटर हाउस में सभी विद्यार्थियों को ठहराया गया है।
जहां भोजन व रहने की व्यवस्था की गई है। अजय ने बताया कि मौसम खराब होने से आगामी तीन दिन तक सैंटर हाऊस में ठहरने को कहा है। मौसम खुलने के साथ फ्लाइट मिलने पर भारत के लिए रवाना होंगे।
इधर, परिजनों ने भारतीय दूतावास से विद्यार्थियों को मिली व्यवस्था से खुशी जाहिर की है। निवासी अजय पुत्र भागचंद शर्मा पिछले पांच सालों से पश्चिमी यूक्रेन में कीवा से 600 किमी. दूर स्थित चैन्नावत्सी में बीएमएचएसयू से डॉक्टर की पढ़ाई कर रहा है। युद्ध के बाद भारतीय विद्यार्थी तीन दिन से रोमानिया बार्डर पर फंसे हुए थे।