एडवोकेट तौफीक अहमद, जीएसएस अध्यक्ष किशन सिंह फोजी, सुरेंद्र भंडारी आदि ने बताया कि आचार संहिता से पूर्व राज्य सरकार की ओर से नगरफोर्ट तहसील से मोहम्मदगढ़ ग्राम पंचायत व गोटडा ग्राम पंचायत को हटाकर उनियारा में जोड़ने के लिए अधिसूचना जारी की थी।
नगरफोर्ट में खोला जाए उपखंड कार्यालय
जिसके बाद हाल ही में नगरफोर्ट तहसील के समरावता गांव में हिंसा के बाद राज्य सरकार ने समरावता गांव सहित अन्य 28 गांवों को उनियारा में जोड़ने के लिए सहमति दी है। इस पर नगरफोर्ट व आसपास की ग्राम पंचायत के लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि इन गांवों को नगरफोर्ट तहसील से कोई परेशानी नहीं है। बता दें कि समरावता में हिंसा से पहले देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना गांवों को उनियारा में जोड़े जाने को लेकर ही धरने पर बैठे थे। ऐसा कहा जा रहा है कि उपचुनाव की वोटिंग के समय फर्जी मतदान का आरोप भी इसलिए ही लगा था, क्योंकि समरावता गांव उनियारा में नहीं आता है। जबकि यहां के लोगों के द्वारा फर्जी मतदान किया जा रहा था।