लेकिन नगर परिषद ने आज तक सुध नहीं ली। कॉलोनी वासियों का कहना है कि मैन रोड बैंक के पास से गुजर रही जेल रोड़ तक की मुख्य सडक़ जर्जर हालत में हो चुकी, जो अब पगडंडी का रूप ले चुकी है। लेकिन सम्बन्धित विभाग ने सुध नहीं ली। इतना ही नहीं नई सडक़ बनाना तो दूर की बात इसकी मरम्मत तक नहीं हो पाई। लोगों का कहना है कि इस सडक़ की मंजूरी भाजपा के पिछले बोर्ड में मिली थी। लेकिन दो बार टेंडर निरस्त हो जाने ले कारण यह सडक़ नहीं बन पाई। वार्ड में यह आधा किमी सडक़ जेल ही नहीं बल्कि डाइट रोड़ को सीधा जोड़ती है, जिससे लोगों की दूरी भी कम हो पाती है।
आवागमन का सीधा रास्ता होने से यह सडक़ मार्ग 24 घण्टे लोगों के आवागमन का जरिया बना रहता। पानी के निकास के लिए बने नाले की सफाई नहीं होने तथा नाले में अवरोधक कट्टे लगा करके कुछ व्यक्ति खेती के लिए ङ्क्षसचाई करते है, जिससे पानी कॉलोनी में भर जाता है। कॉलोनी के नालों की सफाई नहीं होने से कीचड़ जमा हो रहा है जिस कारण वातावरण दूषित होने से मोहल्लेवासी बाहर बैठ ही नहीं सकते। कॉलोनियों में नगर परिषद की न तो कचरा वैन आती नहीं कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर आते। इससे कचरा भी हवा के कारण मोहल्ले में ही फेल जाता है। जिससे आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है।
ये बोले क्षेत्रवासी
&सफाई कर्मी कुछ ही जगहों पर सफाई कर इतिश्री करते हैं। नियमित सफाई नहीं हो पाती। पानी के निकास के अभाव के मोहल्ले में पानी एकत्रित हो जाता है।
नाथू लाल विजय, स्थानीय निवासी
&कॉलोनी की संख्या ही नहीं बल्कि क्षेत्रफल अधिक होने के बावजूद सिर्फ एक ही आंगनबाड़ी केंद्र है। इससे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
शारदा शर्मा, स्थानीय निवासी &कॉलोनी में करीब बीस फीसदी प्लॉट खाली पड़े है, जो लोगों के लिए कचरा फेंकने का स्थल बना हुआ है। पडोसी कचरा फेंकने का विरोध करता है तो लोग झगड़ा करते हैं।
गिरजेश विजय, स्थानीय निवासी
&मुख्य सडक़ के लिए 38 लाख मंजूर हुए थे। लेकिन पांच साल बाद भी सडक़ नहीं बन पाई। जिससे दिक्कतोंं का सामना करना पड़ता है। कॉलोनी में सीवरेज की सुविधा नहीं है।
सोनू जैन, स्थानीय निवासी
&कॉलोनी की समस्याओं के समाधान काफी हद तक हो गया है। कुछ काम होना बाकि है जिनके लिए प्रयास किए जा रहे है। कुछ काम के प्रस्ताव प्रक्रियाधिन है। आने वाले समय में सभी काम पूरे करवा दिए जाएंगे।
राहुल सैनी, वार्ड पार्षद