प्रशासन तैयारियों में लगा
नामांकन की जांच 28 अक्टूबर तक होगी तथा 30 अक्टूबर तक नाम वापसी हो सकेगी। मतदान 13 नवंबर को एवं मतगणना 23 नवंबर को होगी। निर्वाचन विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं आचार संहिता को देखते हुए प्रशासन सारी व्यवस्थाओं में जुटा है। किसी भी शिकायत के आने के बाद तुरंत कार्रवाई की जा रही है। जिस दिन
उपचुनाव की तारीख आई थी, उसी दिन से टीमें चुनाव क्षेत्र में लगातार दाैरे कर रही है।
…तो हाेगी परेशानी
कांग्रेस के बागी
नरेश मीना पर सबकी निगाह है और खासकर कांग्रेस इसके बाद परेशान है क्यों कि यदि नरेश अपना पर्चा वापस नहीं लेता है तो उनके प्रत्याशी के लिए परेशानी हो सकती है। मीना ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था और अपना प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया। सूत्रों के अनुसार नरेश को मनाने के लिए कोशिशें भी शुरू हो गई है और इसके लिए एक बड़े नेता को जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।दोनों पार्टियों के नेताओं ने निर्दलीयों को साधने के लिए जगह-जगह अपने लोगों को भेजा है। साथ ही निर्दलीयों से बातचीत कर रहे हैं ताकि वह अपने नाम वापस ले सके।
टीमें बनी, प्रचार में लगे
वहीं कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के लिए दोनों दलों के नेताओं को जिम्मेदारी दे दी गई है। प्रदेश भाजपा और प्रदेश कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक लगाने के साथ ही युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी प्रचार और अन्य रणनीति बनाने में लगा दिया गया है ताकि जीत का रास्ता बन सके। इसी तरह भाजपा के विधायकों और मंत्रियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है और वे अब प्रचार में जुट रहे है। दो बार से हार रही है भाजपा
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उस वक्त विधायक रहे राजेन्द्र गुर्जर को
देवली-उनियारा सीट पर प्रत्याशी बनाया। तब उनके सामने दौसा से सांसद तथा भाजपा से कांग्रेस में आए हरीश मीना थे। चुनाव में हरीशचंद मीना को 95540 तथा राजेन्द्र गुर्जर को 74064 मिले थे। वर्ष 2018 के चुनाव में 10 प्रत्याशी थे। पिछले चुनाव यानी 2023 में भाजपा ने देवली-उनियारा सीट पर राजेन्द्र गुर्जर को टिकट नहीं दिया। उनकी जगह विजय बैंसला को प्रत्याशी बनाया गया। जिसे कांग्रेस प्रत्याशी ने हराया।