परेशानी के चलते बच्चों को बरामदे में व एक कमरे में दो-दो ,तीन -तीन कक्षाओं के बच्चों को बैठाना पड़ रहा है । विद्यालय में वैसे तो पांच पद स्वीकृत है लेकिन चार पद रिक्त पड़े हुए है जिसके चलते एक अध्यापक के भरोसे ही आठवी तक की कक्षाएं संचालित हो रही है । स्कूल में इस समय 38 बच्चे पढ़ रहे है लेकिन टीचर एक ही है। ऐसे में विद्यालय में नामांकन की संख्या घट रही है ।
क्रमोन्नत करवाने की थी घोषणा
देवपुरा कलां के ग्रामीणों ने बताया कि 6 फरवरी 2023 को देवपुरा कलां गांव में एक कार्यक्रम के दौरान जिला प्रमुख सरोज बंसल ने विद्यालय को गोद लेने की घोषणा करते हुए स्कूल को माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाने ,स्कूल के मुख्य रास्ते में इंटरलॉक टाइल सड़क,अतिरिक्त कक्षा – कक्ष आदि की घोषणा की थी । लेकिन अब तक भी एक भी घोषणा पूरी नही हुई है ।
बना रहता है खतरा
देवपुरा कलां के ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में कई समस्याएं है। चारदीवारी नहीं होने से आवारा पशु स्कूल परिसर में घूमते रहते है । वहीं स्कूल के पास में तालाब होने से छोटे बच्चों के उधर जाने का भी हमेशा अंदेशा बना रहता है। साथ ही स्कूल मार्ग में सीसी सड़क नहीं होने से बच्चों को बरसात में कीचड़युक्त पानी में से निकलना पड़ता है, वहीं स्कूल के शौचालय के हालात भी खस्ताहाल है। विद्यालय में पीने के पानी की भी समस्या बनी हुई है । ग्रामीणों ने कई बार उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करवाया लेकिन समस्या जस को तस बनी हुई है । ग्रामीणों ने प्रशासन व राज्य सरकार से विद्यालय की समस्याओं के निराकरण की मांग की है ।