यह लोग एक जगह पर निवास नहीं करते। अधिकांश के पास पहचान पत्र भी नहीं है। इसलिए इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इनके उत्थान के लिए
राजस्थान सरकार सभी 32 जातियों के व्यक्तियों को 2 अक्टूबर तक नि:शुल्क भूखंड उपलब्ध करवाएंगे, ताकि ऐसे गरीब लोगों को भी अपना आशियाना बनाने का मौका मिल सके। सरकार की मंशा है कि इन जातियों की पूर्व में बहुत उपेक्षा हुई है। यह हमारे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जातियां है। देश की आजादी में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने क्रान्तिकारियों का भी सहयोग किया है।
परिवार की यह है परिभाषा
परिवार की परिभाषा में 21 वर्ष से छोटा यदि अविवाहित है तो उसके माता-पिता सहित सब एक परिवार होगा और 21 वर्ष से बड़ा हो तथा शादीशुदा हो तो एक परिवार माना जाएगा चाहे वे एक ही चूल्हे पर भोजन करते हों। वहीं जाति प्रमाण-पत्र के बारे में संशोधन करने के लिए परफॉर्मा जारी किया गया है। जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाण-पत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जा सकेगा। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जाति के परिवारों की सुध ली है और इन्हें अपना आशियाना बनाने के लिए नि:शुल्क भूखंड दिए जाएंगे ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें। योजना के तहत 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन परिवारों को पट्टे देंगे।
सालों से रह रहे कपड़े से बने मकान में
जिले में कई परिवार तो ऐसे हैं जो कपड़े का तंबूनुमा मकान बनाकर रहते हैं। यह लोग कई प्रकार के कार्य करते हैं। शहर में कई परिवार तो खेल-तमाशा दिखाते हैं। उनके परिवार की आजीविका इसी पर टिकी है। कई लोग जड़ी-बूटी बेचने का काम करते हैं। यह परिवार एक से दूसरे शहर व गांव में घूमता रहता है। जहां जगह मिल जाती है वहीं तंबू डालकर रहने लगते हैं। इस वर्ग में कई जातियां है। कई जगह तो सालों से लोग सरकारी जमीन पर डेरा डालकर रहते हैं। ऐसे डेरे शहर में कई जगह बने हुए हैं।
कई बार उठा चुके मांग
इन जातियों के लोग कई बार आवास समेत योजनाओं को लेकर आवाज उठा चुके। इनमें से कई के पास योजनाओं की जानकारियां तक नहीं है। महज वोटर आइडी के अलावा अन्य कई दस्तावेज की कमी है। ऐसे में यह मुयधारा से पिछड़े हुए हैं। इसके चलते सरकार ने योजना के तहत पट्टे देने के लिए जरूरी नियमों में रियायत भी दी है।
अधिकतम 300 वर्गमीटर का दिया जाएगा पट्टा
अधिकतम 300 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है। सरकार का प्रयास है कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले।
जिले में 1779 है आवेदनकर्ता
टोंक जिले में 7 पंचायत समिति क्षेत्र में कुल 2106 परिवार है। जिनमें से पूर्व में 205 परिवारों को पट्टे जारी किए जा चुके है। वहीं 251 परिवार खातेदारी भूमि पर निवास कर रहे है। साथ ही 1650 परिवारों को पट्टे जारी करना शेष है। इनमें से 1237 के पास जातिप्रमाण पत्र, 442 के पास आधार कार्ड नहीं है। 465 के पास दूरषाभ की सुविधा उपलब्ध नहीं है। 1779 विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतूओं ने ग्राम पंचायतों में पट्टा प्राप्त करने को लेकर आवेदन किया है। वहीं आवेदन की प्रक्रिया अभी जारी है। विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतूओं के इनके बलिदान का यथोचित अधिकार मिलना चाहिए। इनके पूर्वजों का उपकार मानना चाहिए। इनके पास आवासीय भूखंड नहीं है और घूम-घूमकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इन्हें आवासीय भूखंड मिलने चाहिए। प्रदेश में 2 अक्टूबर को चिन्हितों को पट्टों का वितरण किया जाएगा।- मदन दिलावर, पंचायत राज मंत्री, राजस्थान