बता दें, नरेश मीणा के निर्दलीय चुनाव लड़ने से देवली-उनियारा सीट काफी सुर्खियों में बनी हुई है। यह सीट सचिन पायलट का गढ़ मानी जाती है और नरेश मीणा के चुनाव लड़ने के कारण बुरी तरह से फंसी हुई है। यहां कांग्रेस उम्मीदवार केसी मीणा के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई नजर आ रही हैं।
पायलट ने दी ये नसीहत
बताते चलें कि रविवार को देवली-उनियारा में प्रचार के दौरान सचिन पायलट ने नरेश मीणा को बातों ही बातों में नसीहत दे डाली। सचिन पायलट ने देवली-उनियारा में कहा कि, “मैंने हमेशा ही नौजवानों को ताकत देने का काम किया है, लेकिन अनुशासन और पार्टी के बाहर निकल कर कोई काम नहीं करना है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और पार्टी के बाहर कोई जाता है तो, आगे भी उसका कोई काम बनने वाला नहीं है।” इससे पहले हरीश मीणा ने नरेश मीणा के लिए बोतले हुए कहा था कि ये भाड़े के लोग 10 को ही चले जाएंगे…जो आदमी कभी मुरारी लाल मीणा को गाली देता है, कभी प्रमोद जैन भाया को गाली निकालता है, कभी शांति धारीवाल को गाली देता है, छबड़ा में करण सिंह जी को हरा दिया…है कौन ये, क्या संस्कार है इसके…हमें ऐसे उठाईगिरों और चोरों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
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इस सीट पर फंसा मुकाबला
गौरतलब है कि देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला रौचक बनता जा रहा है। यहां से भाजपा ने राजेंद्र गुर्जर को टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने केसी मीना को टिकट देकर मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस से बगावत कर नेरश मीणा के ताल ठोकने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यहां सचिन पायलट और सांसद हरीश मीणा की साख दांव पर लगी हुई है। दरअसल, राजस्थान की सात सीटों झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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