महोत्सव पर विशेष अभिषेक कर दीप प्रज्वलित किया। विधान में निर्मल जैन एवं ज्ञानचन्द सोगानी के सान्निध्य में देव शास्त्र गुरु भगवान चन्द्रप्रभु एवं भगवान पार्श्वनाथ के साथ भक्तामर मण्डल विधान की पूजा गई। पांच मंगल कलश की स्थापना की गई। विधान के बाद भगवान आदिनाथ की आरती की गई। इस अवसर पर महेश पाटनी, रमेशचंद्र गिन्दोडी, प्रेमचन्द सोगानी, नवीन जैन, अनिल सोगानी, विमल जैन आदि मौजूद थे।
पार्श्वनाथ भगवान की जयन्ती मनाई
डिग्गी. क्षेत्र के दिगम्बर जैन मन्दिर लावा में रविवार को गणिनी आर्यिका विशुद्धमती के ससंघ सान्निध्य में जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर श्री पाŸवनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया। मन्दिर में सुबह आर्यिका विशुद्धमती के सान्निध्य में बड़ी शांतिधारा की गई तथा अष्टद्रव्यों से जिनेन्द्र भगवान की पूजा-अर्चना की गई।
इस अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका विशुद्धमती ने कहा कि मनुष्य अपना जन्मदिन तो याद रखता है लेकिन तीर्थंकर भगवान के जन्म के दिन को भूल जाता है। हमेशा जिनेन्द्र भगवान के जन्म कल्याणक को मनाना चाहिए। तीर्थंकर भगवान के जन्म के छह माह पूर्व ही क्षेत्र में रत्नों की वर्षा होने लग जाती है। भगवान की माता को सोलह स्वप्न दिखाई देते है ऐसे प्रभु के जन्मदिन पर सभी श्रद्धालुओं को उनकी शंातिधारा व जलाभिषेक करना चाहिए।
जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया
मालपुरा. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से रविवार को मंदिरों में भगवान पाŸवनाथ एवं चंद्रप्रभु भगवान का जन्म व तप कल्याणक महोत्सव समारोह पूर्वक मनाया गया। पाŸवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य इंद्रनंदीजी के सान्निध्य में विधान मंडल एवं शांतिधारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर वहीं पाण्डुक शिला स्थित मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर चौधरियान में भी विधान मंडल का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गई।