आईएएस सौम्या झा की कलेक्टर के रूप में टोंक में पहली पोस्टिंग है। वे टोंक की सबसे कम उम्र की कलेक्टर हैं। कलेक्टर बनते ही सौम्या अपने काम को लेकर सुर्खियों में आई थी। उन्होंने टोंक के आबादी क्षेत्र में वर्षों से चल रहे एक दर्जन से ज्यादा अवैध बूचड़खानों को सीज करवाया था। इसके बाद उनकी खूब तारीफ हुई थी। आईएएस डॉ. सौम्या झा को गत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संयुक्त सचिव बनाया गया था।
इससे पहले सौम्या ने राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद, जयपुर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका निभाई। सौम्या झा गिरवा (उदयपुर) में उपखंड अधिकारी और उपखंड मजिस्ट्रेट रह चुकी हैं। साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सह-ए.डी.पी.सी., ई.जी.एस. और पदेन मुख्य परियोजना अधिकारी (माडा), टोंक के पद पर तैनात रह चुकी हैं।
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IAS Saumya Jha Profile story: कौन है सौम्या झा?
बिहार की रहने वाली सौम्या झा ने यूपीएससी की परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की थी। वह हिमाचल प्रदेश कैडर 2017 बैच की आईएएस हैं। लगभग चार साल पहले 2019 में उनका कैडर बदला गया था। इसके बाद वह राजस्थान पहुंच गईं। उन्होंने अपना कैडर आईएएस अक्षय गोदारा से शादी करने के लिए बदला था। सौम्या झा डॉक्टर से आईएएस बनी हैं। अपने पहले ही प्रयास में सौम्या ने यूपीएससी में सफलता हासिल की थी। उनकी मां डॉक्टर हैं और रेलवे में कार्यरत हैं। जबकि पिता आईपीएस अधिकारी हैं। वह अक्सर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को टिप्स देती हैं। यह भी पढ़ें
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Naresh Meena Slap Case: ये था पूरा मामला
देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दिन समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर धरना दिया था। वो समरावता गांव को नगरफोर्ट से उनियारा तहसील में शामिल करने की मांग कर रहे थे। तभी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद गांव में रात को माहौल बिगड़ गया और पुलिस-समर्थकों के बीच झड़प और पथराव, आगजनी जैसी घटना हो गई। महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकार ही सुनाई दे रही थी। आग से जले घर और सामान को देखकर लोग सहमे हुए थे। पुलिस वाहनों के सायरन और भगदड़ की आवाज के बीच जैसे-तैसे रात गुजारी। सुबह तक माहौल कुछ हद तक सही था। लेकिन नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद फिर से बवाल हो गया था। हालांकि, शुक्रवार को टोंक जिले में शांति है।