चार नवंबर को उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के समक्ष कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष काशीराम चौधरी, उनियारा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह राणावत, पूर्व प्रधान उनियारा सोनम गोलेछा एवं सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष हरक चंद गोलेछा भाजपा में शामिल हुए। वहीं इधर मंगलवार की दोपहर में आसींद के विधायक झाबर सिंह के नेतृत्व में रावना राजपूत समाज के पूर्व अध्यक्ष उमेद सिंह चौहान एवं रावना राजपूत समाज के कई लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला है। दोनों ही दलों के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने है। हालांकि इसे काबू करने में दलों के पदाधिकारी लगे हुए हैं। वहीं चुनाव में जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दोनों के सामने प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही विरोध चलना शुरू हो गया था। कई बागी कार्यकर्ताओं ने तो चुनाव में ताल भी ठोक दी है।
हालांकि उनमें कितना दम है यह तो मतगणना में सामने आ जाएगा। लेकिन तब तक पार्टी और प्रत्याशियों के सामने बड़ी चिंता खड़ी कर दी है। देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र मीणा और गुर्जर जाति का बाहुल्य वर्ग है। क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर पर दांव लगाया है। वही कांग्रेस ने नए उम्मीदवार कस्तूर चंद मीणा को मौका दिया है।