इस अवसर पर क्षुल्लक नय सागर ने कहा कि आत्मबल परीक्षण एवं शरीर से निर्मोहता का प्रतिक है। इस क्रिया को हर जैन साधु पालन करते है। इस क्रिया को साधने वाले साधक संसार, शरीर तथा भोगो से उदासीन होकर देह में रहते है। यह क्रिया भेद-विज्ञान को प्रदर्शित करता है।
इस धार्मिक आयोजन के अवसर पर क्षुल्लक नय सागर ने श्रद्धालुओं के अधिक संख्या में एकत्रित होने पर विराम लगाते हुए सरकारी आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए भी जैन श्रावक-श्राविकाओं को प्रेरित किया। केश लोच के अवसर पर जैन श्रावक-श्राविकाओं ने भी एक साथ पांच जनों से अधिक संख्या में मंदिर परिसर में एकत्रित होने से परहेज किया तथा सरकारी आदेशों की पालना की। केशलोच समारोह में रतनलाल, ओमप्रकाश, उम्मेद अजमेरा, संजय कुमार, प्रमोद कुमार शाह, कैलाश चंद, शिखरचंद आदि लोग उपस्थित रहे।
बोरड़ा गणेश मन्दिर में आयोजन पर रोक
देवली. प्रदेश सरकार की एडवाइजरी व कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर भीड़भाड़ कम करने को लेकर बोरड़ा गणेश मन्दिर विकास समिति ने आगामी 31 मार्च तक मन्दिर परिसर में सभी प्रकार के आयोजन पर रोक लगा दी है।मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष गिरिराज जोशी ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार सामूहिक भोज, प्रसादी वितरण व पार्टियों के आयोजन पर पूर्णतया रोक रहेगी। साथ ही श्रद्धालुओं को घर पर रहकर पूजा करने को कहा गया है। गौरतलब है कि बोरड़ा गणेश मन्दिर बनास नदी के किनारे स्थित है। जहां हर समय सामूहिक भोज के आयोजन होते रहते है।