उल्लेखनीय है कि माताजी रावता गांव से बीसलपुर बांध तक वन क्षेत्र मेें बनी सडक़ किनारे खननकर्ताओं की ओर से पेड़ों की कटाई कर ट्रैक्टर ट्रॉलियां निकालने के लिए मार्ग बना दिए है। जहां से एक मार्ग वन क्षेत्र की रेड़ नामक दर्रा से पहाड़ी की ओर तो दूसरा मार्ग बनास नदी की ओर बनाकर वन क्षेत्र का चीरहरण किया जा रहा है।
ऊपरी मार्ग से माफिया पत्थरों का खनन व परिवहन कर रहे तो दूसरे मार्ग से बनास नदी से बजरी भरकर गुजर रहे है। गौरतलब है कि जिले में एकलौते बीसलपुर वन क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार की ओर से बीसलपुर वन को आरक्षित व सुरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया जा रखा है।
जहां किसी भी प्रकार का खनन अवैध है। बीसलपुर वन क्षेत्र को पर्यटन के लिए बढ़ावा देने को लेकर कन्जर्वेशन रिजर्व समिति का गठन भी वर्षों पूर्व किया जा चुका है। इधर, विभाग की अनदेखी के चलते वन क्षेत्र में खननकर्ता पैर पसार रहे है।
उच्चाधिकारियों से लिखित में की शिकायत अवैध खनन और हरे वृक्षों की कटाई की शिकायत ग्रामीणों ने 31 मई, 11 और 16 जून 2021 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपुर, मुख्य वन संरक्षक अजमेर, उप वन संरक्षक टोंक एवं क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी निवाई को दूरभाष, वॉट्सऐप, ईमेल और डाक के जरिए लिखित में की गई थी।
अगर ऐसा है तो जल्द ही मौका स्थिति देखकर वन क्षेत्र में बनाए गए मार्ग बंद करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
राकेश चौधरी, कार्यवाहक वन पाल वन नाका राजमहल।
राकेश चौधरी, कार्यवाहक वन पाल वन नाका राजमहल।