शादी के तीन चार बाद ससुराल वाले उससे आए दिन मारपीट करते थे। ससुराल वालों द्वारा अधिक परेशान करने पर ससुराल से उसकी को पीहर ले गए थे। कुछ दिनों बाद समाज के लोगों द्वारा दोनों परिवारों को समझाकर उसकी को वापस ससुराल भिजवा दिया गया। उन्होंने बताया कि उसकी बहन के तीन बच्चे हैं। 16 जुलाई को सूचना मिली कि उसकी सुनिता से ससुराल वाले मारपीट कर रहे हैं।
इस पर वह अपने मामा हनुमान, श्योजी, सुवालाल व विकास, मनीष, सियाराम, दयाराम व वेदप्रकाश को साथ लेकर गांव गुन्सी बहन के ससुराल पहुंचे। तो वहां जानकारी मिली कि सभी लोग श्मशान घाट गए हैं। श्मशान घाट पहुंचे और देखा तो चिता को जलाने ही वाले थे। पीहर पक्ष के लोगों ने उन्हें रोका और पुलिस चौकी गुन्सी पहुंचे जहां पुलिसकर्मी नहीं मिलने पर वापस श्मशान घाट आ गए। इसी दौरान ससुराल पक्ष वालों ने दाह संस्कार कर दिया।
विवाहिता के भाई कृष्ण मुरारी ने पति कन्हैयालाल, जवाहरलाल, चाची सास मोगर देवी, गुडडी देवी,पिन्नू मीनाक्षी, बाबूलाल के विरुद्ध बिना पोस्टमार्टम करवाए सबूत मिटाने की नियत से दाह संस्कार कर देने का मामला दर्ज करवाया है।