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टोंक

मनरेगा में फर्जीवाड़ा: विकास कार्य की फर्जी मस्टररोल भरकर उठा रहे पैसे

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चल रही मनरेगा फर्जीवाड़े से अछूती नहीं है।

टोंकSep 24, 2024 / 01:58 pm

Lokendra Sainger

राजस्थान के टोंक जिले में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चल रही मनरेगा फर्जीवाड़े से अछूती नहीं है। कई शिकायतें आ चुकी है। लेकिन अधिकारी इसमें कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मनरेगा में फर्जीवाड़ा भी कम नहीं हो रहा है।
ऐसी एक शिकायत सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को सौंपी गई है। जबकि इससे पहले मई 2023 में भी ग्रामीणों ने देवली तहसील के निवारिया गांव में मृतकों के नाम से जॉब कार्ड जारी कर मनरेगा समेत अन्य विकास कार्य कराए जाने की शिकायत की थी। इसमें जांच विकास अधिकारी देवली ने की थी। लेकिन अब तक उक्त फर्जीवाड़े के दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई है।
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लोकायुक्त को दी थी सूची

निवारिया गांव में मृतकों को श्रमिक बताकर भुगतान उठाने की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। उन्होंने मृतकों की सूची भी सौंपी थी। निवारिया गांव के शिवराज, मुकेश मीणा तथा वार्ड पंच नाथू नाथ ने बताया था कि निवारिया ग्राम पंचायत में करीब 1500 जॉबकार्ड जारी किए थे। इसमें से 150 जॉबकार्ड मृत व्यक्तियों के बने हुए हैं।
मेरी जानकारी में नहीं है कि किसी श्रमिक ने काम नहीं किया और उसके नाम से भुगतान उठ गया। इसमें सचिव व मेट की जिम्मेदारी होती है। सरपंच का कोई लेना-देना नहीं है।- कैलाश तिवाड़ी, सरपंच ग्राम पंचायत लाम्बा
मैं दो साल पहले लाम्बा पंचायत में था। तब ऐसी शिकायत नहीं मिली थी। वैसे ऐसा हो नहीं सकता कि किसी श्रमिक का भुगतान दूसरे बैंक खाते में चला जाए।- बाबूलाल चौधरी, सचिव ग्राम पंचायत
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