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रक्तांचल पर्वत पर अतिक्रमण को लेकर जताई नाराजगी

निवाई. रक्तांचल पर्वत के किले में दरगाह के समीप हो रहे अतिक्रमण को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने गुरुवार को उपखंड अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा।

टोंकAug 12, 2021 / 09:15 pm

jalaluddin khan

रक्तांचल पर्वत पर अतिक्रमण को लेकर जताई नाराजगी

रक्तांचल पर्वत पर अतिक्रमण को लेकर जताई नाराजगी
निवाई. रक्तांचल पर्वत के किले में दरगाह के समीप हो रहे अतिक्रमण को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने गुरुवार को उपखंड अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन से अवगत करवाया कि रक्तांचल पर्वत पर जहां वर्षों पुराने महल व कुंड मौजूद हैं, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुके है, वहीं पर्वत पर वर्षों से पुरानी दरगाह भी मौजूद है, जो सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है।

कुछ दिनों से कुछ लोग दरगाह के सामने पर्वत पर अतिक्रमण कर रहे हैं। पूर्व में भी वहां कुछ अतिक्रमण हो चुके हैं, लेकिन पुरातत्व विभाग व वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज की थी। ज्ञापन देने वालों में समीर अहमद, मोहम्मद रफीक, अब्दुल लतीफ, हसन नागौरी, रफीक हुसैन, रियाज, शहीद मौजूद थे।

वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग
मालपुरा. उपखण्ड मुख्यालय पर गुरुवार को शिक्षकों एवं प्रबोंधको ने वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार ओमप्रकाश जैन को ज्ञापन सौंपा।
संघ के रामअवतार भड़ाना, हनुमान सैनी, रामनारायण चौधरी, नारायण सिंह, किशन लाल जाट, राधेश्याम धाबाई, जयराम जाट, महबूब अली, कृष्णअवतार सहित उपखण्ड क्षेत्र के शिक्षक एवं प्रबोधको ने सौंपे ज्ञापन में वर्ष 2007-08 व 09 में नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षको एवं प्रबोधकों के वेतन विसंगति दूर करने सहित कई मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा।
फसलों में खराबे का सर्वे करवाकर मुआवजे की मांग
पीपलू. उपखंड क्षेत्र में बारिश तो थम गई है, लेकिन गत दिनों हुई भारी बारिश से किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। उपखंड क्षेत्र के ज्यादातर क्षेत्र में भारी बारिश से किसान खेतों में खरीफ की फसलों में हुए खराबे को देख मायूस हुए हैं।

किसानों का कहना हैं कि क्षेत्र में भारी बारिश से लाखों रुपए की फसलें बर्बाद हुई हैं। ऐसे में खरीफ के सीजन की कमाई तो हाथ से फिसल गई, उल्टे जमा पूंजी भी पानी में डूब गई हैं।

उपखंड क्षेत्र के सोहेला के किसान सत्यनारायण ने बताया कि उसके खेत सहित आस-पास के किसानों द्वारा बोई गई ज्वार, मूंग, तिल, उड़द की फसलें अति वर्षा के कारण चौपट हो चुकी हैं। साथ ही किसान ने बताया कि उसने तो जून माह में हल्की बारिश में बुवाई कर दी थी।
जिसके बाद बारिश नहीं होने से फसल झुलस गई थी। जिसके बाद बारिश होने पर दुबारा बुवाई की गई।


इस बार अतिवर्षा से फसल खराब हो गई हैं किसान हरिओम चौबदार, शैतानसिंह, कजोड़मल, हनुमान, सूजी जाट आदि ने प्रशासन से किसानों की बर्बाद हुई फसलों की गश्त गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की हैं।

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