script30 साल पहले उनियारा विधायक दिग्विजय ने बचाई थी राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार | Digvijay saved the government of Bhairon Singh Shekhawat in Rajasthan | Patrika News
टोंक

30 साल पहले उनियारा विधायक दिग्विजय ने बचाई थी राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार

वर्ष 1990 में टोंक जिले की उनियारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिग्विजय सिंह थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की सरकार को बहुमत दिलाया था। सरकार बनी तो दिग्विजय सिंह को गृहमंत्री बनाया गया।
 

टोंकJul 18, 2020 / 07:42 am

pawan sharma

30 साल पहले उनियारा विधायक दिग्विजय ने बचाई थी  राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार

30 साल पहले उनियारा विधायक दिग्विजय ने बचाई थी राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार

टोंक. प्रदेश में सियासी उबाल चरम पर है। इसमें टोंक की भी भूमिका तय है। ऐसा 30 साल पहले वर्ष 1990 में भी हो चुका है। तब भी टोंक जिला सुर्खियों में था और आज फिर से देशभर में सुर्खियों में है। वर्ष 1990 में टोंक जिले की उनियारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिग्विजय सिंह थे।
उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की सरकार को बहुमत दिलाया था। सरकार बनी तो दिग्विजय सिंह को गृहमंत्री बनाया गया। जनता दल ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया था। भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 101 सीटें चाहिए थी। वहीं भाजपा की 85 सीटें ही थी। तब जनता दल की 55, कांग्रेस की 50, एक कम्युनिस्ट तथा अन्य 9 विधायक थे।
नया दल बनाया था दिग्विजय सिंह ने

विधानसभा चुनाव 1990 में उनियारा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के तत्कालीन विधायक दिग्विजय सिंह थे। उन्होंने जनता दल के 25 विधायकों को अपने साथ लेकर उन दिनों जनता दल (दिग्विजय) बनाया था। उन्होंने भाजपा को समर्थन देकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत की सरकार बचाई। तब भी बाड़ेबंदी एवं प्रदर्शन जमकर हुए थे।
तब पांच आज चार सीट है

वर्ष 1990 में जो भाजपा सरकार को जो समर्थन मिला उसमें अहम भूमिका उनियारा विधानसभा क्षेत्र की थी। आज भी ऐसा ही लग रहा है। देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा को विधानसभा से नोटिस है। जबकि निवाई विधानसभा सीट पार्टी के साथ है। वहीं मालपुरा में भाजपा की सीट है।
फिर चर्चा में है देवली-उनियारा सीट

वर्ष 1990 में जो भाजपा सरकार को जो समर्थन मिला उसमें अहम भूमिका उनियारा विधानसभा क्षेत्र की थी। आज भी ऐसा ही लग रहा है। देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा को विधानसभा से नोटिस है। जबकि निवाई विधानसभा सीट पार्टी के साथ है। वहीं मालपुरा में भाजपा की सीट है।

सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप
राजस्थान में चल रही सियासी जंग टोंक में भी कम नहीं है। यहां सोशल मीडिया पर कांगे्रस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के बीच सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक हुए विकास कार्य और जो मुद्दे छूट गए। उन पर बहस जारी है।
गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने पायलट सहित १९ विधायकों को नोटिस जारी किया है। बदली परिस्थिति में टोंक में कांगे्रस के दो गुट हो गए। हालांकि अधिकतर कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी पार्टी के साथ है। वहीं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने इस्तीफ ा दिया है। प्रदेश की कार्यकारिणी भंग कर दी गई। वहीं जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए भी दौड़ शुरू हो गई है।

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