मालपुरा तत्कालीन समय में भी राजनीति का शिकार हो गया था। एक बार फिर गहलोत मंत्रीमंडल में मालपुरा को जिला घोषित करने का निर्णय किया गया था। परन्तु नई सरकार ने पुन: नवीन जिला मालपुरा का सीमांकन करने के बजाय जिले के दर्जे को निरस्त कर दिया गया।
मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में मालपुरा और टोडारायसिंह दो उपखण्ड तथा डिग्गी, लाम्बाहरिसिंह, मालपुरा, टोडारायसिंह सहित चार नगर पालिका क्षेत्र विद्यमान है, वहीं डिग्गी को तहसील का दर्जा भी प्राप्त है। इसके साथ अरांई उपखण्ड के बोराडा, ढसूक आदि पन्द्रह पंचायत मालपुरा से सटी हुई है, तथा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में पीपलू क्षेत्र की नौ पंचायत मालपुरा के साथ जुडी हुई थी।
इस क्षेत्र को मिलाने के पश्चात मालपुरा जिले के लिए पर्याप्त आबादी दस लाख के स्तर को पूर्ण करती है। नागरिकों ने मालपुरा पर पुन: विचार करते हुए मालपुरा को टोडारायसिंह, पीपलू व अराई का आंशिक क्षेत्र के साथ मिलान कर नवीन जिला बनाने की मांग की।