इससे पहले ये उत्सव 2022 में बांध छलकने के दौरान मनाया गया था। उत्सव को लेकर रविवार रात को अलगोजों व ढोलक की थाप की धुन पर जागरण व तेजाजी की बिंदोरी निकाली गई जो गांव के मुख्य बाजार होते हुए गांव के सभी मुख्य मंदिरों तक गई।
वहीं अलसुबह छतरी चौराहे पर पहुंची जहां पर सभी पशु पालकों ने अपने पशुओं को तेजाजी की चिराग के नीचे से निकाला। किसानों का मानना है कि ऐसा करने से उनके पशुओं को किसी प्रकार की कोई बीमारी नही होगी।
आज सोमवार को गांव के हर घर में चूरमा बाटी बनाकर भगवान को भोग लगाया जाएगा। वहीं इस उत्सव में यहां लोग अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ ही परिचितों को भी बुलाते हैं। सोमवार शाम को गांव से मेले का आयोजन होगा जिसमें हजारों महिलाओं और पुरूषों की भीड़ एकत्र होगी।