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चिकित्सा मंत्री के प्रभार वाले टोंक में उधारी के चालक से दौड़ रही कण्डम एम्बुलेंस

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के प्रभार वाले टोंक जिले के सबसे बड़े सआदत अस्पताल में दो में से एक एम्बुलेंस को कण्डम घोषित कर दिया गया है, जबकि दूसरी एम्बुलेंस भी 10 साल की समयावधि पूरी कर निर्धारित 2 लाख से अधिक किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है

टोंकAug 01, 2021 / 09:31 am

pawan sharma

चिकित्सा मंत्री के प्रभार वाले टोंक में उधारी के चालक से दौड़ रही कण्डम एम्बुलेंस

टोंक. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के प्रभार वाले टोंक जिले के सबसे बड़े सआदत अस्पताल में दो में से एक एम्बुलेंस को कण्डम घोषित कर दिया गया है, जबकि दूसरी एम्बुलेंस भी 10 साल की समयावधि पूरी कर निर्धारित 2 लाख से अधिक किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। नियमानुसार यह एम्बुलेंस भी अब सडक़ पर चलने के लिए प्रतिबंध की श्रेणी में आ चुकी है।
फिर भी विभाग की ओर से आपातकालीन सेवाओं सहित चिकित्सकों को ऑन कॉल पर लाने व ले जाने के लिए इस एम्बुलेंस को काम में लिया जा रहा है। इस एम्बुलेंस के भी आए दिन खराब होने से डॉक्टर्स को विशेष रूप से अस्पताल लाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सदादत अस्पताल में वाहन चालक के स्वीकृत दो पदों को भी सरकार की ओर से 2018 में खत्म कर दिए जाने पर विभाग की ओर अन्य स्थान से उधारी (डेपुटेशन) पर चालकों को लेकर इन एम्बुलेसों का संचालन करवाया जा रहा है।
दुर्घटना में हुई क्षतिग्रस्त
राजकीय सआदत अस्पताल टोंक के लिए वर्ष 2005 में तत्कालीन सांसद कैलाश मेघवाल ने अपने सांसद कोटे से एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराई थी, लेकिन वर्ष 2010 में चाकसू के नजदीक एक्सीडेंट में यह एम्बुलेंस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिसके बाद से ही यह सआदत अस्पताल टोंक में खड़ी है जिसका न तो अभी तक निस्तारण किया गया न ही उसको ठीक कराया गया। यह एंबुलेंस 99 हजार 395 किमी ही चल पाई थी।

जकिया ने दी थी दो एम्बुलेंस
सआदत अस्पताल टोंक के लिए तत्कालीन विधायक जकिया ने वर्ष 2011 में एम्बुलेंस के लिए विधायक कोटे से पांच लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। उस समय शहर की तंग गलियों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा विभाग ने दो वैन एम्बुलेंस की खरीद की थी। इसके बाद आज तक कोई भी नई एम्बुलेंस अस्पताल को नहीं मिली है।

चालक की नहीं है पोस्ट
टोंक सआदत अस्पताल में वर्तमान में एक भी अधिकृत एम्बुलेंस नहीं है। इतना ही नहीं सआदत अस्पताल टोंक में पूर्व में दो चालक के पद स्वीकृत थे, लेकिन वर्ष 2018 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकृत दोनों चालकों के पदों को भी खत्म कर दिए जाने से अब चालक का कोई पद नहीं है जबकि यह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है।
वर्तमान में सआदत अस्पताल टोंक में स्वयं की एक भी एम्बुलेंस नही है। पूर्व में दो वैन एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा था। उनकी भी समय सीमा पूरी होने व निर्धारित किलोमिटर से अधिक चलने के कारण कण्डम हो गई है। अस्पताल के लिए वाहन चालक के पद स्वीकृत करने व नई एम्बुलेंस की व्यवस्था के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया हुआ है।
डॉ खेमराज बंशीवाल, पीएमओ ,सआदत अस्पताल टोंक।

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