राजकीय सआदत अस्पताल टोंक की यूनिट मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र टोंक में मंगलवार की रात को पुरानी टोंक देशवाली मोहल्ला निवासी वाजिदा पत्नी इकरामुद्दीन को भर्ती कराया गया था, जिसकी डिलीवरी होनी थी। इस मामले में डॉक्टर ने पूर्व में ही ऑपरेशन के दौरान ब्लड की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निजी चिकित्सालय में गर्भवती महिला के दर्ज ब्लड गु्रप की पर्ची दी गई थी, लेकिन ब्लड बैंक में महिला का भेजा गया सेम्पल ओ पॉजिटिव था।
वहीं चिकित्सक ने महिला मरीज की जान बचाने के लिए 9.55 बजे रात को ही ऑपरेशन करना पड़ा, जिससे महिला के मृत बच्चा पैदा हुआ। इस मामले में ब्लड समय पर नहीं मिलने से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कांग्रेसी पार्षद अशरफ गुज आदि जनाना अस्पताल जा पहुंचे, जिन्होंने सम्बंधित लापरवाह कर्मचारियों को निलंबित किए जाने की मांग की।
घटना की इत्तला के बाद कोतवाली पुलिस थानाधिकारी जितेंद व पीएमओ डॉ बीएल मीणा भी जनाना अस्पताल पहुंचे। जिन्होंने सम्बंधित चिकित्सक को बुलाया साथ ही परिजनों से बातचीत की। डॉक्टर ने बच्चे की मौत ब्लड नहीं मिलने से होने सम्बन्धी आरोप को गलत बताया।
सोनोग्राफी की रिपार्ट के आधर पर महिला की जान बचाने के लिए आपत स्थिति में रात को ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन से पहले ही बच्चें की पेट में ही मौत हो चुकी थी। महिला के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नही हुई है। महिला अभी ठीक है।
डॉ बिन्दू गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ एमसीएच टोंक
बच्चे की मौत किसी भी लापरवाही से नही हुई । ब्लड बैंक में ब्लड दो घण्टे विलम्ब से मिलने की शिकायत है उसमें ब्लड का मिलान व देने की प्रक्रिया में समय लगा है । बच्चे की मौत लापरवाही से नही हुई यदि परिजन इस मामले में लिखित मे शिकायत देते है तो जांच करा ली जाएगी। यदि कोई दोषी मिला तो विभागीय कार्यवाई की जावेगी।
पीएमओ डॉ.बीएल मीणा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी।