read more: मौसम अपडेटः देश के कई राज्यों में अगले कुछ घंटों में हो सकती है भारी बारिश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अशोक जैन ने बताया कि माशी बांध की वर्ष 2011 के बाद चादर चली हैं। माशी बांध की भराव क्षमता 48 .13 एमसीयूएम हैं, जिसमें से सिंचाई के लिए 35.11 एमसीयूएम और 13.02 एमसीयूएम निवाई क्षेत्र में पीने पानी की सप्लाई के काम आता हैं।
बांध के केनाल की लम्बाई 42.18 किलोमीटर हैं। माशी बांध के भर जाने से पीपलू तहसील के 29 गांव की 28 000 बीघा जमीन सिंचित भी हो सकेगीं और निवाई और बनस्थली में पेयजल सप्लाई हो सकेगी।
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बांध की नहर को 2 फीट खोल गया की पानी की निकासी
रानोली कठमाणा. जलसंसाधन विभाग के एईन अशोककुमार जैन ने बताया कि बांध के चादर चलने के बाद ग्रामीणों की मांग पर पानी को नहर में छोड़ा गया।
बांध की नहर को 2 फीट खोल गया की पानी की निकासी
रानोली कठमाणा. जलसंसाधन विभाग के एईन अशोककुमार जैन ने बताया कि बांध के चादर चलने के बाद ग्रामीणों की मांग पर पानी को नहर में छोड़ा गया।
माशी बांध के नहर के गेज को 2 फीट खोलकर पानी की निकासी की गई। पानी सुबह तक आजमपुरा माईनर तक पहुंचने की संभावना हैं। इस दौरान जल संसाधान विभाग के कर्मचारी महावीर सिंह, कजोड़ बलाई सहित ठेकेदार सलीम देशवाली, राजेश गौड़, मुकेश चौधरी आदि मौजूद रहे।
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टोडारायसिंह. टोडारायसिंह के अभावग्रस्त गांव स्थित जलाशयों को भरने के लिए मंगलवार सुबह बीसलपुर बांध की बायी मुख्य नहर में 50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने टोडारायसिंह क्षेत्र के अभाव ग्रस्त गांव के खाली पड़े सार्वजनिक तालाब, एनिकट व अन्य जलाशयों को बीसलपुर बांध के ओवर फ्लो पानी से भरने की मांग की थी।
टोडारायसिंह. टोडारायसिंह के अभावग्रस्त गांव स्थित जलाशयों को भरने के लिए मंगलवार सुबह बीसलपुर बांध की बायी मुख्य नहर में 50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने टोडारायसिंह क्षेत्र के अभाव ग्रस्त गांव के खाली पड़े सार्वजनिक तालाब, एनिकट व अन्य जलाशयों को बीसलपुर बांध के ओवर फ्लो पानी से भरने की मांग की थी।
जिला कलक्टर आर.सी.ढेनवाल के निर्देशानुसार परियोजना के तहत बांध की बायी मुख्य नहर में 50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नहर में छोड़े गए पानी का उपयोग टोडारायसिंह उपखण्ड के बोटूंदा, रामपुरा, कुरासियां, कवंरावास, बासेड़ा, सालग्यावास, गणेती, खरेडा, मोरभाटियान समेत अन्य गांवों के तालाब एनिकटों को भरने में होगा।