साथ ही कौओं की मौत की खबर के बाद भी प्रशासन के बेखबर होने से ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिचने लगी है। उल्लेखनीय है कि विजयगढ़ गावं में तीन दिनों से अचानक एक-एक कर कौओं की मौत होने लगी, ग्रामीण क्षेत्र होने से लोगों ने मात्र सामान्य मानकर कौओं की मौत पर ध्यान नहीं दिया।
इस दौरान उक्त तीन दिन में एक दर्जन से अधिक कौओं की मौत हो चुकी थी। वही गावं के आवारा श्वान मृत कौओं के शवों को नोचकर इधर-उधर ले जाने लगे। विजयगढ़ गावं स्थित विद्यालय के अध्यापक जितेन्द्र सिंह को जब गावं में कौओं की असामान्य मौत का पता चला तो उन्होंने बंथली सरपंच श्यामसिंह राजावत को जानकारी देकर गावं के महिला, पुरूष एवं युवाओं को संक्रमण से फेलने वाली खतरनाक बीमारी को लेकर जागरूक किया तो उनके चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच आई।
हालांकि सरपंच राजावत ने वन विभाग कार्मिकों को कौओं की मौत की जानकारी दी मगर लापरवाह कार्मिकों ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया ओर ना ही स्वयं पहुंचे। गौरतलब है कि गत दिनों झालवाड़ में मृत मिले कौओं के नमूने की प्राथमिक रिपोर्ट में एच 5 एवियन इन्फजुएंजा वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी, इस रोग का वायरस रोगी पक्षी की लार नाक, आंख के स्त्राव में पाया जाता है। रोगी पक्षी या संक्रमित वस्तु के सीधे सम्पर्क में आने से फेलता है। रोग के संक्रमण पर 3 या 5 दिन लक्षण दिखाई देने लगते है।
कई जगह पड़े मृत कौओं के शव
उल्लेखनीय है कि विजयगढ़ गावं में तीन दिन में असामान्य मौत से करीब एक दर्जन से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है, प्रशासन की ओर से फेलने वाले संक्रमण को लेकर जागरूक नहीं करने से ग्रामीणों ने कौओं की मौत को सामान्य मान अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहे। इस दौरान आवारा श्वान मृत कौओं के शवों को नोचते रहे, मृत कौओं के शव मंदिर के पीछे, विजयगढ़-राजमार्ग एवं खेतों की ओर जाने वाले मार्ग पर पड़े हुए है।
उल्लेखनीय है कि विजयगढ़ गावं में तीन दिन में असामान्य मौत से करीब एक दर्जन से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है, प्रशासन की ओर से फेलने वाले संक्रमण को लेकर जागरूक नहीं करने से ग्रामीणों ने कौओं की मौत को सामान्य मान अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहे। इस दौरान आवारा श्वान मृत कौओं के शवों को नोचते रहे, मृत कौओं के शव मंदिर के पीछे, विजयगढ़-राजमार्ग एवं खेतों की ओर जाने वाले मार्ग पर पड़े हुए है।
ग्रामीणों को जब पक्षियों में चल रहे वायरस की जानकारी लगी तो उनके चेहरें पर चिंता की लकीरें खिंच आई ओर प्रशासन की मदद का इंतजार करने लगे। हालांकि इसके बाद भी प्रशासन बेखबर नींद में सोया था। ग्रामीणों ने बताया कि कोए पक्षी दाना चुगने को लेकर बाड़े में बंधे पशुओं तक पहुंच जाते है तो उनके शरीर पर बैठे रहते है ऐसे में पालतू मवेशियों के सम्पर्क में आने से मनुष्यों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
विजयगढ़ में रात को पनाह लेते है हजारों कोएं
उल्लेखनीय है कि दिन में तो विजयगढ़ गावं के पेड़ों पर इक्के-दूक्के कोएं ही मिल पाएंगे मगर शाम ढलते ही आस-पास से झुंड़ के रूप में हजारों कौएं चले आते है और रात को पेड़ों पर पनाह लेते है। पूर्व सरपंच छगनाराम मीणा ने बताया कि आस-पास के कस्बे के गावों की अपेक्षा विजयगढ़ गावं में कौओं की संख्या हजारों की मात्रा में है। ऐसे में राज्य के कई शहरों में फेल रहे वायरस के कारण चिंता बनी हुई है। देवली एसडीओ एवं जिला कलक्टर को अवगत करा पक्षियों से होने वाली बीमारी से लोगों को जागरूक करने को अभियान चलाने की मांग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दिन में तो विजयगढ़ गावं के पेड़ों पर इक्के-दूक्के कोएं ही मिल पाएंगे मगर शाम ढलते ही आस-पास से झुंड़ के रूप में हजारों कौएं चले आते है और रात को पेड़ों पर पनाह लेते है। पूर्व सरपंच छगनाराम मीणा ने बताया कि आस-पास के कस्बे के गावों की अपेक्षा विजयगढ़ गावं में कौओं की संख्या हजारों की मात्रा में है। ऐसे में राज्य के कई शहरों में फेल रहे वायरस के कारण चिंता बनी हुई है। देवली एसडीओ एवं जिला कलक्टर को अवगत करा पक्षियों से होने वाली बीमारी से लोगों को जागरूक करने को अभियान चलाने की मांग करेंगे।
टीम भेजने को लिखूंगा पत्र
मेरे को विजयगढ़ गावं में संक्रमण से कौओं के मरने की सूचना मिली थी, इसके बाद वन विभाग कर्मचारियों को अवगत कराया था मगर कोई मौके पर नहीं पहुंचा अब उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराउंगा।
-श्यामसिंह राजावत सरपंच, बंथली
मेरे को विजयगढ़ गावं में संक्रमण से कौओं के मरने की सूचना मिली थी, इसके बाद वन विभाग कर्मचारियों को अवगत कराया था मगर कोई मौके पर नहीं पहुंचा अब उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराउंगा।
-श्यामसिंह राजावत सरपंच, बंथली
टीम भेज रहा हॅू
विजयगढ़ में कौओं के मरने की सूचना मिली है तत्काल पशुपालन एवं वन विभाग की टीम भेज मृत कौओं को दफनाने सहित लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाएंगा।
-भारतभूषण गोयल एसडीओ, देवली