नयनतारा और विग्नेश शिवन के सरोगेसी से माता-पिता बनने पर तमिलनाडु सरकार ने 3 मेंबर का पैनल बनाया था जिन्हें हेल्थ और फैमिली वेल्फेयर डिपार्टमेंट्स से चुना गया था। इनको ये जांच करनी थी कि कहीं दोनों ने सरोगेसी के नियम तो नहीं तोड़े। वहीं इस पैनल की ओर से दोनों को दोष मुक्त कर दिया गया है और ऑफिस में बुधवार को अपनी रिपोर्ट भी जमा करा दी है।
साथ ही खबरों की माने तो पैनल की ओर से जमा की गई रिपोर्ट में इन दोनों को छोड़ सरोगेसी की सुविधा देने वाले अस्पताल पर की गलती बताई गई है। सामने आ रही जानकारी के माने तो पैनल ने इस बारे में रिपोर्ट में कहा है कि ‘जब हमने डॉक्टर्स से जांच की जिन्होंने कपल का ट्रीटमेंट किया। इससे पता चला कि कपल के परिवार के डॉक्टर ने 2020 में सिफारिश का एक पत्र प्रदान किया था, जिसके आधार पर उपचार प्रदान किया गया था’।
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टीम ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि ‘वे अब तक फैमिली डॉक्टर से बात नहीं कर पाए हैं, क्योंकि वे भारत से बाहर हैं। सरोगेट मां ने नवंबर 2021 में कपल के साथ एक अग्रीमेंट किया था और इस साल मार्च में भ्रूण को उनमें रखा गया। वहीं अक्टूबर में उनके बच्चों का जन्म हुआ। कमर्शियल सरोगेसी भारत में सरोगेसी रेगुलेशन एक्टर 2021 के तहत बैन कर दिया जो पिछले साल ही लागू हुआ, तो उनके टाइमलाइन को देखते हुए नयनतारा और विग्नेश ने इस प्रोसेस को शुरू किया तब ये लीगल था भारत में’।