साउथ स्टार वेंकटेश उनके मामा लगते हैं और उनके चचेरे भाई राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) हैं। ऐसे में नागा के पास फिल्मी दुनिया की पावर है। हाल में अपने इंटरव्यू के दौरान चैतन्य ने अपने बॉलीवुड डेब्यू के बाद नेपोटिज्म पर काफी सारी बातें की। चैतन्य नेपोटिज्म पर बात करते हुए कहा कि ‘दक्षिण भारतीय सिनेमा में नेपोटिज्म में बहुत अधिक नहीं होता है, लेकिन मुझे यह भी नहीं पता कि यह क्यों शुरू हो रहा है?’।
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चैतन्य ने आगे कहा कि ‘इस बारे में पूछे जाने पर ये बस मेरा एक ही नजरिया है। देखिए, मैंने अपना दादाजी को एक्टिंग करते देखा है’। एक्टर आगे कहते हैं कि ‘मैंने अपने पिता को एक्टिंग करते देखा है, तो मैं बचपन से ही उनके काम से प्रभावित रहा हूं। मैं उनके जैसा ही एक एक्टर बनना चाहता हूं। मैं अपने दादा और पिता की विरास तो आगे बढ़ाना चाहता हूं’।
एक्टर कहते हैं कि ‘कल अगर मेरी फिल्म रिलीज़ होती है और फर्स्ट जेनेरेशन के एक्टर की फिल्म भी उसी समय रिलीज होती है और उस शख्स की फिल्म 100 करोड़ कमाती है और मेरी फिल्म बस 10 करोड़ तो जाहिर है कि निर्देशक, निर्माता और बाकी सभी लोग उस स्टार को कॉल करेंगे मुझे नहीं, जब आप खेल के मैदान पर बाहर होते हैं, तो यहां सबसे पहले योग्यता देखी जाती है’।
साथ ही चैतन्य ने नेपोटिज्म पर खुद को लकी बताते हुए कहा कि ‘हां, मैं भाग्यशाली हूं। मुझे एक बेहतर शुरुआत मिली, और मेरा लॉन्च आसान था, लेकिन अब जब हम सभी यहां हैं, तो यहां लड़ाई टक्कर की है। यहां हर कोई आपके आसपास कितना उतना ही टैलेंटेड है और मेरा एक आसान सा सवाल है। अगर फर्स्ट जेनेरेशन के अभिनेता का बच्चा कल उसके पास आता है और कहता है कि वे एक एक्टर बनना चाहता है, तो क्या वे उसे निराश करेंगे? ये कहते हुए कि ‘नहीं, ये भाई-भतीजावाद है’? नहीं करेंगे, आपको उस पल पर गर्व होगा’।