
इस बार कमल ने जवाब देने के तरीके में कुछ बदलाव किया है। कमल हसन ने इस बार अपने कॉलम में अपने विरोधियों को जवाब दिया है साथ ही अपने चाहने वालों तक ये संदेश पहुंचाया है कि उनपर लगने वाले आरोप बेबुनियाद है। वो किसी भी तरह से हिन्दू विरोधी नही हैं वो हिन्दू के साथ-साथ इस्लाम और ईसाई धर्म का भी सम्मान करते हैं।
उन्होंने खुद पर बार बार इल्जाम लगाएं जाने के बारे में बताया कि – पहले कट्टरपंथी हिंदू अन्य धर्म समूहों के साथ अपनी बात मनवाने के लिए बौद्धिक बहस का सहारा लिया करते थे। वो हिंसा का रास्ता नहीं अपनाते थे, लेकिन जब उनकी यह चालाकी नाकाम होने लगी है तो उन्होंने हिंसा का रास्ता अपनाना शुरू कर दिया। उनकी यह अतिवादिता उनके समूह के भीतर भी फैलने लगी है।’

कमल ने कहा कि वो “महात्मा गांधी, डॉ अंबेडकर और पेरियार ईवी रामास्वामी समेत सभी आदरणीय हस्तियों का सच्चे दिल से आदर करते हैं।”
बता दें कि कमल हसन तमिलनाडु में 21 फरवरी से अपनी एक यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। जिसमें वो लोगों से बातचीत करेंगे और उनसे उनके विचार जानने की कोशिश करेगें।
गौरतलब है कि कमल हसन की फिल्म विश्वरुपम को रिलीज से पहले काफी विरोध झेलना पड़ा था। उस फिल्म को लेकर 2013 में काफी विरोध हुआ था। खास तौर पर मुस्लिम देशों में। उनपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फिल्म में आतंकवाद को मुस्लिम समुदाय से जोड़ा था।