केजीएफ चैप्टर 1 में गोल्ड माइन के मालिक सूर्यवर्धन के बड़े बेटे गरुड़ा के किरदार में नजर आए रामचंद्र राजू ने अपनी एक्टिंग से हर किसी का दिल जीत लिया था। विलेन के रोल में रामचंद्र को खूब तारीफें मिलीं। अपने खूंखार और तेज-तर्रार अंदाज से रामचंद्र ने हर किसी को अपनी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया था। अब रामचंद्र साउथ सिनेमा का ही नहीं बल्कि पूरे देश का जाना-माना नाम हैं। लेकिन, रामचंद्र राजू को गरुड़ा का किरदार कैसे मिला, इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है।
दरहसल KGF के माफिया सूर्यवर्धन के बेटे गरुड़ा बनें रामचंद्र राजू ने 2018 में चैप्टर-1 से डेब्यू किया था। और पहली फिल्म में ही ऐसा कमाल का रोल किया, जिसके बाद उनके नाम का खौफ दर्शक के दिमाग में घर कर गया। रामचंद्र राजू एक्टिंग करियर में आने से पहले यश जो फिल्म में रॉकी बने हैं, उनके बॉडीगार्ड रह चुके हैं। लेकिन फिल्म में उनके कैरेक्टर को अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि उनका कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है। रामचंद्र राजू ने साउथ की ‘सुल्तान’, ‘मधगजा’, ‘वेत्री’, ‘जन गन मन’ और ‘बम्पर’ जैसी पॉप्युलर फिल्मों में काम किया। बेहतरीन अभिनय के लिए उन्होंने कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए।
रामचंद्र राजू ने अपने कभी जीवन में नहीं सोचा था कि वह कभी फिल्में करेंगे और इतने पॉप्युलर हो जाएंगे। वह तो भला ‘केजीएफ’ के डायरेक्टर और राइटर प्रशांत नील का। जिन्होंने केजीएफ की स्क्रिप्ट को लेकर यश से चर्चा की थी और उसी दौरान उन्होंने रामचंद्र राजू को देखा था। इसी के बाद उन्होंने उनसे गरुड़ा के रोल का ऑडिशन देने के लिए कहा था। डायरेक्टर ने रामचंद्र राजू से से दाढ़ी बनाने के लिए कहा था, जिस पर रामचंद्र ने हामी भर दी थी और एक्टिंग के लिए तैयार हो गए थे। इसके बाद लंबे समय तक कुछ नहीं हुआ। बात दब गई। रामचंद्र के पास से डायरेक्टर का नंबर भी खो गय था। लेकिन कई महीने बीतने के बाद उन्हें ऑडिशन देने के लिए कहा गया। और उन्हें गरुड़ा के किरदार के लिए पसंद कर लिया गया। हालांकि फैन्स के लिए ये बैड न्यूज ही है कि वह अब ‘गरुड़ा’ को फिल्म के सीक्वल में नहीं देख सकेंगे।