टीकमगढ़

चिकित्सकीय व्यवसाय को रोकने झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिकों को किया जाए बंद

कलेक्ट्रेट कार्यालय

टीकमगढ़Jul 26, 2024 / 07:51 pm

akhilesh lodhi

कलेक्ट्रेट कार्यालय

झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मप्र संचालनालय ने दिए निर्देश
टीकमगढ़. जिले में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चिकित्सकीय व्यवसाय के लिए विभिन्न मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री लेकर कार्य कर रहे है। उनके द्वारा अमानक चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जा रहा है और एलोपैथी की औषधियों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मप्र संचालनालय ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र दिया है।
जिले के विभिन्न गांवों में बगैर डिग्री और मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री लेकर निजी अस्पताल खोले हुए है। उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का उपचार किया जा रहा है। उनके द्वारा अमानक दवाओं का उपयोग करके चिकित्सा को व्यवसाय बनाया जा रहा है। जिसके कारण खरगापुर के भेसलीए खरगापुर और दिगौड़ा थाना के बम्होरी खास के मरीज को जान गवानी पड़ी। हालांकि पीडि़तों की शिकायत पर मामला दर्ज करके जांच भी शुरू कर दी है। ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा क सने के लिए आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मप्र संचालनालय ने कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तरुण कुमार पिथोडे ने पत्र जारी करते हुए बताया कि अपात्र व्यक्तियों द्वारा फ र्जी चिकित्सकीय डिग्री, सर्टीफि केट का प्रयोग कर झोलाछाप चिकित्सकों के रूप में अमानक चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग से रोगियों का उपचार किया जा रहा है। ऐसे अपात्र व्यक्तियों द्वारा एलोपैथी पद्धति की औषधियों का उपयोग किया जा रहा है।
उनका पत्र में कहना था कि बिना उपयुक्त चिकित्सकीय ज्ञान के अनुचित उपचार रोगियों के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता है। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गलत और अमानक दवाओं का उपयोग किया जा रहा रहा है। जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। जिसको लेकर राष्टीय मानव अधिकार आयोग एवं मप्र मानव अधिकारी आयोग द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकरणों में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र के माध्यम से कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अनैतिक चिकित्सकीय व्यवसाय को नियंत्रित करने के लिए क्लीनिकों को बंद कराया जाए। उनका कहना था कि अगर गैर मान्यता प्राप्त झोलाछाप डॉक्टर द्वारा चिकित्सकीय व्यवसाय करता है तो वर्णित की धारा 7 ग के उल्लंघन में तीन वर्ष का कारावास और 5० हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान है।
इनका कहना
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए शासन ने पत्र भेजा है। उनकी जांच के लिए जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर टीमों का बना दिया है। उनकी जांच के लिए निर्देश दिए गए है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. शोभाराम रोशन, सीएमएचओ टीकमगढ़।

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