टीकमगढ़

२२२ कुपोषितों का नहीं बढ़ रहा वजन

कुपोषण मिटाने के लिए जिला स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे है, लेकिन कुपोषण के आंकड़े बताते हैं कि जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए नाकाफी है। जिले में कुल संख्या में से दो प्रतिशत कुपोषित बच्चे है। जबकि जिले में विभाग की 6 परियोजनाएं है। लेकिन फिर भी अतिकुपोषित को मिटाने अतिरिक्त दिए जाने वाला पोषण उनसे दूर है।

टीकमगढ़Apr 14, 2024 / 04:22 pm

akhilesh lodhi

Third meal material not found from Corona

टीकमगढ़. कुपोषण मिटाने के लिए जिला स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे है, लेकिन कुपोषण के आंकड़े बताते हैं कि जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए नाकाफी है। जिले में कुल संख्या में से दो प्रतिशत कुपोषित बच्चे है। जबकि जिले में विभाग की 6 परियोजनाएं है। लेकिन फिर भी अतिकुपोषित को मिटाने अतिरिक्त दिए जाने वाला पोषण उनसे दूर है। २२२ अतिकुपोषित ऐसे बच्चे है, जिनका वजन बढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है। कुपोषण से लडऩे के उपाय पर कई सवाल खड़े कर रही है।
शुक्रवार को पत्रिका की टीम ने मुख्यालय परियोजना की आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर अतिकुपोषित नौनिहालों के परिजनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। अतिकुपोषित नौनिहालों को मिलने वाले अतिरिक्त पोषण आहार नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां पर सिर्फ दाल रोटी, खीर पूरी, पैकेट का हलूआ के साथ एक अन्य सामग्री मिलती है। उसी से अति कुपोषित नौनिहालों को पोषण मिलता है। ठार्ड मील कोरोना काल से नहीं आया और ना ही अतिरिक्त पोषण दिया जाता है। जिसकी बात को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वीकारा है।
नहीं मिला अतिरिक्त पोषण
पत्रिका की टीम शुक्रवार की दोपहर १२:५ बजे आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक ४६ अ वार्ड २६ में दो अतिकुपोषित नौनिहाल दर्ज होने की बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता पांडे ने बताया कि इस केंद्र पर रांची प्रजापति और हर्षिता प्रजापति कुपोषित है। नौनिहाल रांची की मॉ भागवती प्रजापति बताती है कि बेटी अतिकुपोषित है, लेकिन अतिरिक्त पोषण कभी नहीं दिया है। यहां तक गुड पपड़ी और लड्डू भी नहीं मिले। यही बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कही है। दोपहर १२:३८ बजे सौरयाना आदिवासी बस्ती आंगनबाड़ी केंद्र बंद था। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र रिंकी तिवारी से फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि अभी दो हितग्राही एलआरसी सेंटर से आए है। जिनका कम वजन था, यहां अतिरिक्त पोषण नहीं आता है। केंद्र क्षेत्र के रामपाल आदिवासी की पत्नी कुषमा आदिवासी ने बताया कि मेरी बेटी खुशबू दो वर्ष की है। केंद्र से अतिरिक्त कोई भी सामग्री नहीं मिली है।
समय पर नहीं मिल रहा पोषण आहार
केंद्रों में नौनिहालों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना, किशोरी बालिका योजना, पोषण आहार योजना एवं हाल ही में लागू की गई पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना के नाम से सरकार बच्चों को संतुलित आहार पहुंचाने के दावे किए जा रहे है लेकिन धरातल पर इन योजनाओं में लीपापोती से नौनिहालों के स्वास्थ्य में कोई फर्क नहीं है। नौनिहालों को तय मीनू अनुसार भोजन ना देने की बात भी कही गई है।

यह है कुपोषण नौनिहालों की स्थिति
महिला बाल विकास के कर्मचारियों ने बताया कि जिले में अब तक ४४५० कुपोषित नौनिहाल दर्ज है। उसमें से सामान्य ३८४९ नौनिहाल हो गए है। फिर २५७ मध्यम हो गए है। खतरे वाली खबर यह है कि २२२ नौनिहालों ऐसे है, जिनका वजन बढऩे का नाम नहीं ले रहा है।
फैक्ट फाइल
१२९३ जिले में आंगनबाड़ी केंद्र
१७२००० जिले में नौनिहाल
४४५० कुपोषित नौनिहाल
३८४९ कुपोषित में से सामान्य नौनिहाल
२५७ सामान्य कुपोषित नौनिहाल
२२२ कम वजन वाले नौनिहाल
इनका कहना
जिले की छह परियोजनाओं में दो-दो प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चे है। नौनिहालों को अतिरिक्त पोषण दिया जा रहा है। मंगलवार और शुक्रवार को गुड पपडी दी जा रही है। मौसम के हिसाब से पोषण दिया जा रहा है। पैकेट भी दिए जा रहे है और हलूआ के साथ भोजन भी दिया जा रहा है।
ऋतुजा चौहान, महिला बाल विकास अधिकारी टीकमगढ़।

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