ओरछा. यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में ओरछा के डोजियर को शामिल करने के बाद शुक्रवार को पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने ओरछा पहुंचे। यहां पर उन्होंने निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए।
गुरुवार की देर शाम ओरछा पहुंचे प्रमुख सचिव शुक्ला ने सबसे पहले रामराजा सरकार के दर्शन किए। इसके बाद शुक्रवार की सुबह से उन्होंने जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की टीम के साथ बैठक की। मुख्य सचिव शुक्ला ने कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़, जिला पंचायत सीईओ एवं प्रभारी अधिकारी डीएटीसीसी रोहन सक्सेना एवं पर्यटन विभाग की टीम से सभी परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समय-सीमा और स्थायित्व पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इसके बाद उन्होंने किला परिसर स्थित तुलसी घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पयर्टन की दृष्टि से ओरछा में मुख्य रूप से तीन ईको टूरिज्म जोन पर ध्यान दें। जिसमें किला परिसर, कंचना घाट स्थित छतरियां और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी शामिल है। फिर उन्होंने रामराजा लोक निर्माण कार्य का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने सीतामढ़ी महल और मेला ग्राउंड का जायजा लिया। प्रमुख सचिव शुक्ला ने गोसाईं मठ और प्राचीन गोशाला का भी निरीक्षण किया। गोशाला निरीक्षण के दौरान उन्होंने नगर परिषद को स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से गोशाला संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही प्राचीन गोशाला के मुख्य दरवाजे की मरम्मत को लेकर पर्यटन विभाग की टीम को निर्देश दिए। उन्होंने तीर्थ यात्री सेवा सदन और रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने तीर्थ यात्री सेवा सदन को संचालित करने के निर्देश दिए। फंसयाने की हवेली और तोपची का महल का भी निरीक्षण करते हुए उन्होंने तोपची का महल के पास पर्यटक सुविधा केंद्र बनाने का सुझाव दिया। उनका कहना था कि यूनेस्को ने ओरछा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने का डोजियर स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब किसी भी काम में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही यूनेस्को की गाइड लाइन के अनुसार काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने ओरछा में स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया।
वहीं कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने कहा कि ओरछा के पर्यटन स्थलों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा विशेष कार्य किया जा रहा है। जिससे इनकी ऐतिहासिक महत्ता को संरक्षित रखा जा सके और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहें। उन्होंने इसमें स्थानीय लोगों से सहभागिता दर्ज कराने की बात कही। इस दौरान पर्यटन विभाग के कार्यपालन यंत्री केके चौरसिया, कार्यपालन यंत्री विद्युत संजय भटनागर, तहसीलदार सुमित गुर्जर, क्षेत्रीय प्रबंधक नितिन कटारे, सहायक यंत्री पीयूष बाजपेयी, संग्रहाध्यक्ष पुरातत्व जीएस बाथम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
गुरुवार की देर शाम ओरछा पहुंचे प्रमुख सचिव शुक्ला ने सबसे पहले रामराजा सरकार के दर्शन किए। इसके बाद शुक्रवार की सुबह से उन्होंने जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की टीम के साथ बैठक की। मुख्य सचिव शुक्ला ने कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़, जिला पंचायत सीईओ एवं प्रभारी अधिकारी डीएटीसीसी रोहन सक्सेना एवं पर्यटन विभाग की टीम से सभी परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समय-सीमा और स्थायित्व पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इसके बाद उन्होंने किला परिसर स्थित तुलसी घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पयर्टन की दृष्टि से ओरछा में मुख्य रूप से तीन ईको टूरिज्म जोन पर ध्यान दें। जिसमें किला परिसर, कंचना घाट स्थित छतरियां और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी शामिल है। फिर उन्होंने रामराजा लोक निर्माण कार्य का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने सीतामढ़ी महल और मेला ग्राउंड का जायजा लिया। प्रमुख सचिव शुक्ला ने गोसाईं मठ और प्राचीन गोशाला का भी निरीक्षण किया। गोशाला निरीक्षण के दौरान उन्होंने नगर परिषद को स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से गोशाला संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही प्राचीन गोशाला के मुख्य दरवाजे की मरम्मत को लेकर पर्यटन विभाग की टीम को निर्देश दिए। उन्होंने तीर्थ यात्री सेवा सदन और रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने तीर्थ यात्री सेवा सदन को संचालित करने के निर्देश दिए। फंसयाने की हवेली और तोपची का महल का भी निरीक्षण करते हुए उन्होंने तोपची का महल के पास पर्यटक सुविधा केंद्र बनाने का सुझाव दिया। उनका कहना था कि यूनेस्को ने ओरछा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने का डोजियर स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब किसी भी काम में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही यूनेस्को की गाइड लाइन के अनुसार काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने ओरछा में स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया।
वहीं कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने कहा कि ओरछा के पर्यटन स्थलों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा विशेष कार्य किया जा रहा है। जिससे इनकी ऐतिहासिक महत्ता को संरक्षित रखा जा सके और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहें। उन्होंने इसमें स्थानीय लोगों से सहभागिता दर्ज कराने की बात कही। इस दौरान पर्यटन विभाग के कार्यपालन यंत्री केके चौरसिया, कार्यपालन यंत्री विद्युत संजय भटनागर, तहसीलदार सुमित गुर्जर, क्षेत्रीय प्रबंधक नितिन कटारे, सहायक यंत्री पीयूष बाजपेयी, संग्रहाध्यक्ष पुरातत्व जीएस बाथम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।