टीकमगढ़

एनीकट की दीवार बही, विभाग बोला अभी इसका निर्माण ही शुरू नहीं किया

बड़ागांव धसान. जिले में हर घर पानी भेजने की योजनाओं में लापरवाहियां कम होती नहीं दिखाई दे रही है। धसान नदी में छतरपुर जिले के घुवारा और टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव क्षेत्र की प्यास बुझाने के लिए बनाया जा रहा एनीकट बांध की दीवार बहने का मामला सामने आया है। हालांकि विभाग अभी इसका निर्माण न किए जाने की बात कह रहा है। विभाग इसे मिट्टी के सपोर्ट के लिए बनाई गई अस्थाई दीवार बता रहा है।

टीकमगढ़Jan 09, 2025 / 07:05 pm

Pramod Gour

बड़ागांव धसान. धसान नदी पर बही दीवार।

लोगों ने लगाए लापरवाही के आरोप, धीमी गति से चल रहा काम, योजना में हो रही देरी
बड़ागांव धसान. जिले में हर घर पानी भेजने की योजनाओं में लापरवाहियां कम होती नहीं दिखाई दे रही है। धसान नदी में छतरपुर जिले के घुवारा और टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव क्षेत्र की प्यास बुझाने के लिए बनाया जा रहा एनीकट बांध की दीवार बहने का मामला सामने आया है। हालांकि विभाग अभी इसका निर्माण न किए जाने की बात कह रहा है। विभाग इसे मिट्टी के सपोर्ट के लिए बनाई गई अस्थाई दीवार बता रहा है।
बड़ागांव धसान से निकली धसान नदी पर घु़वारा और बड़ागांव नगर के हर घर में पानी पहुंचाने के लिए एनीकट बांध बनाने के साथ ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और इंटेक वेल का निर्माण किया जा रहा है। इंटेक वेल के पास नदी के किराने बनाई गई एक दीवार ढह गई है। ग्रामीणों की माने तो बारिश के समय यह दीवार ढह गई थी। ऐसे मेें लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह दीवार एनीकट बांध के लिए बनाई गई थी। वहीं इस काम को 2024 में पूरा होना था, लेकिन यह अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। इसके लिए विभाग इसमें एक्सटेंशन दिए जाने और 2025 के अंत तक काम को पूरा करने की बात कह रहा है। विदित हो कि यह निर्माण यूडीसीएल द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत चल रहे जतारा आदि नगरीय क्षेत्रों के काम भी अधूरे पड़े हुए है।
अन्य कामों में लापरवाही

विभाग द्वारा विदित हो कि जिले में अन्य स्थानों पर चल रही योजनाओं का भी यही हाल है। चाहे जल जीवन मिशन की योजनाएं हो या फिर जल निगम की। पीएचई द्वारा किए जा रहे कामों में भी लापरवाहियां सामने आ रही है और काम अधूरे पड़े हुए है। ऐसे में 300 करोड़ से अधिक की यह योजनाएं लोगों की प्यास बुझाते नहीं दिखाई दे रही है।
यह अस्थाई दीवार थी

वहीं इस दीवार के ढहने को लेकर यूडीसीएल के उपयंत्री योगेंद्र शर्मा का कहना है कि जो दीवार ढही है, वह यहां पर काम करने के लिए मिट्टी को रोकने अस्थाई रूप से बनाई गई थी। अभी ठेकेदार द्वारा इनटेक वेल का काम शुरू किया गया है और एनीटक के लिए फुङ्क्षटग का काम किया जा रहा है। उनका कहना था कि इसका निरीक्षण वरिष्ठ अधिकारी भी कर चुके है, यदि ऐसा होता तो इस पर आपत्ति दर्ज कराई जाती।
इनका कहना है

&यह अस्थाई निर्माण किया गया था। नदी में पानी होने से काम करने में परेशानी होती है। मुश्किल से ढाई से तीन माह का समय मिलता है। फरवरी से फिर से काम शुरू किया जाएगा। एनीकट की दीवाल नहीं ढही है, अभी इसकी फुङ्क्षटग का काम किया जा रहा है।
– योगेंद्र शर्मा, उपयंत्री, यूीसीएल, टीकमगढ़।

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