टीकमगढ़. जिले की चार जनपद पंचायत की पांच ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी के निर्माण कार्यों की जांच ३१ नवंबर २०२२ में केंद्रीय दल ने की थी। निर्माण कार्यों में अनेक अनियमितताएं पाई जाने पर पांच रोजगार सहायकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। इन ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक का पद खाली घोषित किया है। लेकिन निर्माण कार्यों का मूल्यांकन और भुगतान पत्रक देने वाले उपयंत्री को संरक्षण अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठ रहे है।
जानकारी के अनुसार ३० नवंबर २०२२ में केंद्रीय जांच दल भारत सरकार की टीम द्वारा टीकमगढ़, बल्देवगढ़, पलेरा, जतारा की ग्राम पंचायतों का भ्रमण किया था। भ्रमण के दौरान रोजगार गारंटी के निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया। इन कार्यों में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं पाई गई। टीम द्वारा मौके का पंचनामा और जांच प्रतिवेदन तैयार करके साथ ले गई थी। १२ जनवरी २०२४ को रोजगार सहायकों के खिलाफ नोटिस जारीकर ३ सितंबर २०२४ को जवाब मांगा था। लेकिन इनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिस कारण से रोजगार सहायकों को दोषी माना गया।
जानकारी के अनुसार ३० नवंबर २०२२ में केंद्रीय जांच दल भारत सरकार की टीम द्वारा टीकमगढ़, बल्देवगढ़, पलेरा, जतारा की ग्राम पंचायतों का भ्रमण किया था। भ्रमण के दौरान रोजगार गारंटी के निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया। इन कार्यों में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं पाई गई। टीम द्वारा मौके का पंचनामा और जांच प्रतिवेदन तैयार करके साथ ले गई थी। १२ जनवरी २०२४ को रोजगार सहायकों के खिलाफ नोटिस जारीकर ३ सितंबर २०२४ को जवाब मांगा था। लेकिन इनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिस कारण से रोजगार सहायकों को दोषी माना गया।
स्वीकृ ति से लेकर भुगतान कराने तक यह होगी है प्रक्रिया
बताया गया कि ग्राम पंचायत में योजना के तहत निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक फाइल तैयार की जाती है। उपयंत्री द्वारा स्टीमेट बनाया जाता है। एक लाख से १४ लाख तक सहायक यंत्री और १४ लाख से ऊपर की राशि की स्वीकृति कार्यपालन यंत्री स्वीकृत करता है। निर्माण की जिला पंचायत स्वीकृत करता है। उसके बाद रोजगार सहायक जीओ टैग करके संबंधित स्थान पर निर्माण कार्य शुरू कर देता है। वहीं निर्माण कार्य का मुल्यांकन, उपयंत्री, सहायक यंत्री, सचिव और रोजगार सहायक द्वारा करके भुगतान किया जाता है।
बताया गया कि ग्राम पंचायत में योजना के तहत निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिए सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक फाइल तैयार की जाती है। उपयंत्री द्वारा स्टीमेट बनाया जाता है। एक लाख से १४ लाख तक सहायक यंत्री और १४ लाख से ऊपर की राशि की स्वीकृति कार्यपालन यंत्री स्वीकृत करता है। निर्माण की जिला पंचायत स्वीकृत करता है। उसके बाद रोजगार सहायक जीओ टैग करके संबंधित स्थान पर निर्माण कार्य शुरू कर देता है। वहीं निर्माण कार्य का मुल्यांकन, उपयंत्री, सहायक यंत्री, सचिव और रोजगार सहायक द्वारा करके भुगतान किया जाता है।
इनकी हुई संविदा सेवा समाप्त
केंद्रीय दल की जांच निर्माण कार्य में अनियमितता सामने आने पर टीकमगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम सुंदरपुर के प्रीमत सिंह लोधी,बल्देवगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत जटेरा के रोजगार सहायक अवधेश मिश्रा, जिनागढ़ रोजगार सहायक जयराम अहिरवार, पलेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत उपरारा खास के रोजगार सहायक कमलेश सिंह और कछियागुडा ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक गोविंद्र सिंह की संविदा सेवा समाप्त की गई है।
केंद्रीय दल की जांच निर्माण कार्य में अनियमितता सामने आने पर टीकमगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम सुंदरपुर के प्रीमत सिंह लोधी,बल्देवगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत जटेरा के रोजगार सहायक अवधेश मिश्रा, जिनागढ़ रोजगार सहायक जयराम अहिरवार, पलेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत उपरारा खास के रोजगार सहायक कमलेश सिंह और कछियागुडा ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक गोविंद्र सिंह की संविदा सेवा समाप्त की गई है।
्रइनका कहना
केंद्रीय दल द्वारा जांच की गई थी। उनका जांच प्रतिवेदन भोपाल से सागर पहुंचा था। सागर से टीकमगढ़ आया। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की गई है।
रचना मिश्रा, पीओ मनरेगा जिला पंचायत टीकमगढ़।
केंद्रीय दल द्वारा जांच की गई थी। उनका जांच प्रतिवेदन भोपाल से सागर पहुंचा था। सागर से टीकमगढ़ आया। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की गई है।
रचना मिश्रा, पीओ मनरेगा जिला पंचायत टीकमगढ़।