शुक्रवार को आयोजित बैठक में कलेक्टर तरूण भटनागर से तमाम अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदारियां सौंपी। विवाह महोत्सव में होने वाले भंडारे, कार्यक्रम में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही श्रीरामराजा मंदिर, जानकी मंदिर के साथ ही बारात के मार्ग पर होने वाली साज-सज्जा सहित अन्य तैयारियों को लेकर जिम्मेदारियां सौंपी गई। कलेक्टर भटनागर से बताया कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में 27 नवंबर को होने वाली मंडल की पंगत एवं 28 नवंबर को होने वाले बारात के आयोजन पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पंगत पारंपरिक तरीके से श्रीरामराजा धर्मशाला में होगी। वहीं 28 नवंबर को बारात के दिन सुबह 6 बजे से रात्रि 12 बजे तक तमाम आयोजन होंगे। इसमें मुख्य रुप से मंदिर की साज-सज्जा के साथ ही बारात मार्ग पर खास सजावट होगी।
डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध
वहीं कलेक्टर भटनागर से कहा कि यह आयोजना परंपरागत रूप से मनाया जाता है। ऐसे में इनमें डीजे की आवश्यकता नहीं है। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ ही पूरा कार्यक्रम किया जाएगा। साथ ही डीजे संचालकोंं को अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें शासन से दी गई गाइड लाइन का पालन करने को समझाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार बारात के दिन जनकपुर(जानकी मंदिर) में वृंदावन धाम की रासलीला भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसके साथ ही पूरे कार्यक्रम का नगर के अनेक स्थानों पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।
चप्पे-चप्पे पर तैनात होगी पुलिस
वहीं एसपी तुषारकांत विद्यार्थी ने बताया कि श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव बड़ा आयोजन है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है। नगर में ट्रेफिक व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए तमाम तैयारियां की गई है। वाहन पार्किंग के लिए 5 स्थान चिंहित किए गए है। शहर के अंदर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वहीं बारात के दिन सुरक्षा के लिए पुलिस के 300 अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। नदी के घाटों पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
27 से आयोजन शुरू होगा। 28 को मुख्य आयोजन सुबह 6 से 12 बजे तक होगा। कलेक्टर ने बताया कि आयोजन भव्य एवं गरिमामय तरीके से मनाया जाएगा। डीजे संचालकों को दूर रखने की बात कही है। पूरा आयोजन परंपरागत तरीके से होगा। विवाह का आयोजन मुख्य आयोजन रहेगा। भंडारा रामराजा धर्मशाला में होगी। तुषारकांत में पुख्ता इंतजार रहेंगे सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हे। 5 स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। बाहर से पुलिस बल बुलाया जाएगा।
448 साल पुरानी परंपरा
श्रीरामराजा के ओरछा आगमन के साथ ही हर साल उनके विवाह की वर्षगांठ यहां पर आयोजित की जा रही है। राजशाही दौर से शुरू हुई यह पूरी परंपरा विशुद्ध बुंदेली रीति से संपन्न होती है। विदित हो कि श्रीराम का संवत 1631 में अयोध्या से ओरछा आगमन हुआ था। तब से यह राजशाही परंपरा चली आ रही है।