बता दें कि, जिले के अंतर्गत आने वाले हैदरपुर में रहने वाले लखनलाल अहिरवार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच कर शव को नीचे उतारा। हालांकि, अस्पताल से शव वाहन न आ पाने के कारण पुलिस ने शव परिजन को ही सौंप दिया। इसके बाद मृतक के परिजन शव ट्रेक्टर – ट्रॉली से बड़ागांव धसान थाने पहुंचे। यहां रात अधिक होने के कारण पुलिस ने शव सुरक्षित रखने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से शव वाहन मंगाया। हालांकि, वो शव वाहन भी खराब होने के कारण स्टार्ट नहीं हुआ। इस पर परिजन उसे धक्का लेकर थाने तक लाए और उसमें शव रख दिया। वहीं सुबह से पोस्टमार्टम कराने के लिए शव वाहन को स्टार्ट करने का फिर से प्रयास किया, लेकिन वो तब भी स्टार्ट नहीं हुआ। लगभग दो घंटे परिजन और पुलिस के परेशान होने के बाद पुलिस ने परेशान होकर शव ट्रैक्टर में रखवाया, तब कहीं जाकर शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जा सका। हालांकि, यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया है।
10 दिन पहले भी हुई थी यही परेशानी
ये कोई पहली बार नहीं, जब लोग इतने परेशान होते दिखाई दिए हैं। 10 दिन पहले भी एक महिला की मौत होने पर उसके शव को इसी प्रकार से शव वाहन में धक्का लगाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया था। बताया जा रहा है कि, यह शव वाहन पांच साल पहले तत्कालीन विधायक के.के श्रीवास्तव द्वारा उपलब्ध कराया गया था। पिछले दो – तीन महीने से ये खराब पड़ा है। शव वाहन की खराबी को लेकर इसके ड्राइवर भी कई बार विभाग के अधिकारियों को सूचित कर चुके हैं। लेकिन, इस सबके बावजूद भी शव वाहन में सुधार नहीं कराया जा सका है।
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वायरल हो रहा वीडियो
शव वाहन को धक्का देकर ले जाते हुए परिजन का एक वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा। वीडियो देखकर हर कोई जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। वीडियो के जरिए सरकार की नाकामी और धक्का पलेट स्वास्थ व्यवस्थाओं पर टिपप्णी की जा रही है। बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे के साथ ही थाना परिसर के कैमरों में यह वीडियो रिकार्ड हुआ है। वहीं, लोगों का कहना है कि, हम जिले में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे हैं और यहां पर अधिकारियों द्वारा एक शव वाहन को भी नहीं सुधारा जा रहा। इस मामले के सामने आने के बाद सीएमएचओ इसकी जांच कर वाहन में सुधार कराने की बात कह रहे हैं।
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क्या कहते है अधिकारी ?
इस संबंध में बड़ागांव धसान के बीएमओ डॉ शांतनु दीक्षित का कहना है कि, शव वाहन के रखरखाव को लेकर किसी प्रकार का बजट नहीं आता है। इसे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किसी प्रकार से चलाया जा रहा था। आज भी जानकारी होने पर इसकी बैटरी बदलने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई। इसे ठीक कराया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर टीकमगढ़ सीएमएचओ डॉ पीके माहौर का कहना है कि, मुझे इसकी जानकारी मीडिया के जरिए मिली है। इसका पता कर शव वाहन को आज ही दुरूस्त कराया जाएगा। लोगों को हर तरह की सुविधा मिले, इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।