टीकमगढ़. जिले में सरकारी स्तर पर खेलों के विकास व प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का मौका देने की बातें तो खूब की जाती है। लेकिन स्कूलों में खेल मैदान व खेल शिक्षक ही नहीं है। इस कारण छात्र खेलना तो दूर व्यायाम भी नहीं कर पाते। जबकि स्कूलों में शासन की ओर से ५६ से अधिक खेल चलन में है। उसके बाद भी राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी नहीं पहुंच पा रहे है।
जिले के विद्यालयों में शासन की ओर से फुटबॉल, कबड्डी, बॉसकेट बॉल, बॉलीबाल, सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, तैराकी, योगा, जूडो कराटे के साथ अन्य ५६ प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इन खेलों को आयोजित करने के लिए खेल शिक्षक और पीटीआई को नियुक्त किया जाता है। लेकिन इन दोनों की शिक्षा विभाग में कमी है। उनके पदों को भरने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण छात्र-छात्राओं को शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जिले के विद्यालयों में शासन की ओर से फुटबॉल, कबड्डी, बॉसकेट बॉल, बॉलीबाल, सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, तैराकी, योगा, जूडो कराटे के साथ अन्य ५६ प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इन खेलों को आयोजित करने के लिए खेल शिक्षक और पीटीआई को नियुक्त किया जाता है। लेकिन इन दोनों की शिक्षा विभाग में कमी है। उनके पदों को भरने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण छात्र-छात्राओं को शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सात शिक्षक ही पदस्थ
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में स्कूल अनुसार खेल शिक्षकों की पर्याप्त पदस्थापना नहीं है। उनके एवज में सात अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करके खेल का प्रभार दिया था। जबकि जिले में विद्यालयों में तीन खेल शिक्षक और चार पीटीआई शिक्षक पदस्थ है। लेकिन उनके द्वारा नियमित कार्य नहीं किया जा रहा है।
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में स्कूल अनुसार खेल शिक्षकों की पर्याप्त पदस्थापना नहीं है। उनके एवज में सात अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करके खेल का प्रभार दिया था। जबकि जिले में विद्यालयों में तीन खेल शिक्षक और चार पीटीआई शिक्षक पदस्थ है। लेकिन उनके द्वारा नियमित कार्य नहीं किया जा रहा है।
प्रत्येक विद्यालय में खेल शिक्षकों की जरूरत
विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्याल में खेल शिक्षक का होना जरूरी है। जिससे खेल योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को मिल सके और अगली कक्षा में जाने के बाद खेलों को समझकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर खेल सके। लेकिन इन दिनों स्कूलों की स्थिति उलट है। वहां पर छात्रों को खेल खिलाने वाले शिक्षक पदस्थ नहीं है।
विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्याल में खेल शिक्षक का होना जरूरी है। जिससे खेल योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को मिल सके और अगली कक्षा में जाने के बाद खेलों को समझकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर खेल सके। लेकिन इन दिनों स्कूलों की स्थिति उलट है। वहां पर छात्रों को खेल खिलाने वाले शिक्षक पदस्थ नहीं है।
यह है जिले की स्थिति
जिले के ३१ संकुल केंद्रों में ५९ हायर सेकेंडरी और ९३ हाईस्कूल संचालित है। इन सभी सभी विद्यालयों में छात्रों को खेल सिखाने के लिए सात खेल शिक्षक है। जिसमें पीटीआई और खेल शिक्षक शामिल है। वहीं गोर संकुल केंद्र के प्राचार्य बलवंत सिंह ने बताया कि गोर संकुल केंद्र में पीटीआई और खेल शिक्षक पदस्थ नहीं है। उनकी ऑनलाइप प्रक्रिया भी दिखाई नहीं दे रही है। जबकि शासन द्वारा सभी विद्यालयों में पद स्वीकृत करने के निर्देश है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि खेल शिक्षक का पद वर्ग तीन में होता है। शिक्षकों के प्रमोशन के कारण कोई भी खेल शिक्षक का पद लेना नहीं चाहता है।
जिले के ३१ संकुल केंद्रों में ५९ हायर सेकेंडरी और ९३ हाईस्कूल संचालित है। इन सभी सभी विद्यालयों में छात्रों को खेल सिखाने के लिए सात खेल शिक्षक है। जिसमें पीटीआई और खेल शिक्षक शामिल है। वहीं गोर संकुल केंद्र के प्राचार्य बलवंत सिंह ने बताया कि गोर संकुल केंद्र में पीटीआई और खेल शिक्षक पदस्थ नहीं है। उनकी ऑनलाइप प्रक्रिया भी दिखाई नहीं दे रही है। जबकि शासन द्वारा सभी विद्यालयों में पद स्वीकृत करने के निर्देश है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि खेल शिक्षक का पद वर्ग तीन में होता है। शिक्षकों के प्रमोशन के कारण कोई भी खेल शिक्षक का पद लेना नहीं चाहता है।
इनका कहना
जिले में खेल शिक्षकों की कमी खेल प्रतियोगिताओं के समय होती है। प्रत्येक स्कूल में खेल शिक्षकों का होना जरूरी है। उसके बाद भी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर १५० के करीब छात्रों ने खेलों में भाग लिया है। खेल शिक्षकों को पदस्थ करने के लिए शासन स्तर पर लगातार मांग भी की जा रही है।
एसडी अहिरवार, जिला क्रीडा अधिकारी टीकमगढ़।
जिले में खेल शिक्षकों की कमी खेल प्रतियोगिताओं के समय होती है। प्रत्येक स्कूल में खेल शिक्षकों का होना जरूरी है। उसके बाद भी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर १५० के करीब छात्रों ने खेलों में भाग लिया है। खेल शिक्षकों को पदस्थ करने के लिए शासन स्तर पर लगातार मांग भी की जा रही है।
एसडी अहिरवार, जिला क्रीडा अधिकारी टीकमगढ़।