यह कोई और गांव नहीं बल्कि किशोरपुरा है। जहां के ग्रामीणों ने भगवान को साक्षी मानकर कसम खाई है और कहा है कि मैं अपने जीवन में कभी शराब की बिक्री नहीं करूंगा। अगर गांव में कोई भी व्यक्ति शराब बेचते हुए पाया जाता है तो उसको 11 हजार रुपए का अर्थदंड के जुर्माना लगाया जाएगा।
ऐसा फैसला पंचायत की ओर इसलिए लिया गया कि क्योंकि गांव के युवा नशे के आदि होते जा रहे है और कुछ व्यक्ति शराब के नशे में धुत्त होकर घर में बच्चों के साथ मारपीट और गाली-गलौज करते थे। जिसका बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा था। गांव में शराब के कारण अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
शराब को लेकर गांव में होता था झगड़ा
कई सालों से किशोरपुरा गांव में अवैध शराब बनाने और शराब पीकर झगड़ा करने की प्रथा चली आ रही थी। जिसके चलते महिलाएं परेशान थी। गांव में शराबबंदी के फैसले से ग्रामीण काफी खुश हैं।