इसके बाद होली खेलने के लिए भगवान को २३ मार्च को चौक से लगे दालान में लाया जाएगा। जहां देर रात से भगवान के द्वारा भक्तों के साथ होली खेली जाएगी। भगवान के दालान में आने पर श्रद्धालु मंदिर के आंगन से ही भगवान के दर्शन कर उन्हें रंग-गुलाल अर्पित करेंगे। खास बात है कि श्रीरामराजा मंदिर में वर्ष में दो बार होने वाली मंगला आरती का विशेष महत्व होता है। वर्ष में दो बार होने वाली मंगला आरती होली की चौथ पर और एक रामनवमी पर होती है।
श्रीरामराजा मंदिर में परंपरा के अनुरूप मुख्य मंदिर के बाजू से लगी दालान में विराजे वनवासी राम के मंदिर से फाग की शुरूआत होगी। यहां पर सुबह 8 बजे होली उत्सव प्रारंभ होगा। इसके साथ रामसभा में फागों का गायन किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोकगीत मंडलियां भगवान को फाग गाकर सुनाएंगी।
इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीरामराजा सरकार के साथ होली खेलेंगे। पुजारी प्राचीन चांदी की पिचकारियों से पहले भगवान ,फिर संत्री,प्रबंधक और उसके बाद विशेष फूलों से बनाएं गए रंग की बारिश श्रद्धालुओं करेंगे। इसके बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। वहीं रात्रि के समय मंदिर के बाद श्रद्धालुओं को ब्यारी का प्रसाद वितरण किया जाएगा।