टीकमगढ़. बुकिंग के बाद भी लहंगा न देना एक दुकानदार को महंगा पड़ गया है। भतीजे की शादी के लिए समय से लहंगा न मिलने से उपभोक्ता इतना नाराज हो गए कि उन्होंने इसके लिए न्यायायल के वाद दायर कर दिया। इस मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई के बाद इसे सेवा में कमी मानते हुए लहंगा के किराए से 10 गुना जुर्माना देने के आदेश दिए है।
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता अवधेश नायक ने बताया कि उनके पक्षकार राम प्रकाश मिश्रा के भतीजे का विवाह था। इस विवाह मेें शामिल होने के लिए उन्होंने अपने पत्नी के लिए पस्तोर लहंगा हाउस पुरानी तहसील से 2500 रुपए में किराए का लहंगा बुक किया था। इसके लिए उन्होंने 500 रुपए एडवांड जमा किए थे और 18 फरवरी 2024 को उन्हें लहंगा लेना था। जब वह 18 फरवरी को लहंगा लेने पहुंचे तो दुकानदार ने बुक किया लहंगा देने से इंकार कर दिया और दूसरा लहंगा लेने की बात कही। इसके लिए मना करने पर दुकानदार ने अभद्रता करते हुए रुपए भी वापस नहीं लिए। इसके बाद उन्हें दूसरी दुकान से लहंगा लेना पड़ा। दुकानदार के इस आचरण से नाराज होकर राम प्रकाश ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली। इस मामले में फोरम में सुनवाई शुरू की गई और इसके बाद दुकानदार के व्यवहार को सेवा में कमी माना।
करना पड़ा पंसद और इच्छाओं से समझौता
इस मामले में सुनवाई के बाद फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए मानते हुए कहा कि दुकानदार के कृत्य से उपभोक्ता को अपनी पंसद और इच्छाओं से समझौता करना पड़ा है। यह अनुचित व्यापार व्हवहार और सेवा में कमी है। इसके लिए फोरम ने दुकानदार को सेवा में कमी के लिए 25 हजार रुपए और वाद व्यय के 5 हजार रुपए देने के निर्देश दिए है। यह राशि दुकानदार को 45 दिन के अंदर देनी होगी इसके साथ ही 500 रुपए पर दिनांक 28 जनवरी 2024 से 9 प्रतिशत ब्याज देना होगा। साथ ही इस आदेश का 45 दिन में पालन न करने पर यदि उपभोक्ता द्वारा इस प्रकरण को फिर से निष्पादन के लिए प्रस्तुत किया जाता है तो 5 हजार रुपए परिवार का व्यय प्रथक से देना पड़ेगा।
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता अवधेश नायक ने बताया कि उनके पक्षकार राम प्रकाश मिश्रा के भतीजे का विवाह था। इस विवाह मेें शामिल होने के लिए उन्होंने अपने पत्नी के लिए पस्तोर लहंगा हाउस पुरानी तहसील से 2500 रुपए में किराए का लहंगा बुक किया था। इसके लिए उन्होंने 500 रुपए एडवांड जमा किए थे और 18 फरवरी 2024 को उन्हें लहंगा लेना था। जब वह 18 फरवरी को लहंगा लेने पहुंचे तो दुकानदार ने बुक किया लहंगा देने से इंकार कर दिया और दूसरा लहंगा लेने की बात कही। इसके लिए मना करने पर दुकानदार ने अभद्रता करते हुए रुपए भी वापस नहीं लिए। इसके बाद उन्हें दूसरी दुकान से लहंगा लेना पड़ा। दुकानदार के इस आचरण से नाराज होकर राम प्रकाश ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली। इस मामले में फोरम में सुनवाई शुरू की गई और इसके बाद दुकानदार के व्यवहार को सेवा में कमी माना।
करना पड़ा पंसद और इच्छाओं से समझौता
इस मामले में सुनवाई के बाद फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए मानते हुए कहा कि दुकानदार के कृत्य से उपभोक्ता को अपनी पंसद और इच्छाओं से समझौता करना पड़ा है। यह अनुचित व्यापार व्हवहार और सेवा में कमी है। इसके लिए फोरम ने दुकानदार को सेवा में कमी के लिए 25 हजार रुपए और वाद व्यय के 5 हजार रुपए देने के निर्देश दिए है। यह राशि दुकानदार को 45 दिन के अंदर देनी होगी इसके साथ ही 500 रुपए पर दिनांक 28 जनवरी 2024 से 9 प्रतिशत ब्याज देना होगा। साथ ही इस आदेश का 45 दिन में पालन न करने पर यदि उपभोक्ता द्वारा इस प्रकरण को फिर से निष्पादन के लिए प्रस्तुत किया जाता है तो 5 हजार रुपए परिवार का व्यय प्रथक से देना पड़ेगा।