टीकमगढ़

Lakshmi Temple: लक्ष्मी जी का ऐसा मंदिर जहां नहीं है मूर्ति, दीप जलाने लगती है भक्तों की कतार..

Lakshmi Temple: 17वीं सदी में बने इस मंदिर की अद्भुत कलाकृति की वजह से यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की लगती है भीड़..41 साल से नहीं है कोई मूर्ति..।

टीकमगढ़Oct 30, 2024 / 08:43 pm

Shailendra Sharma

Lakshmi Temple: दीपावली का त्यौहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है और हर कोई मां लक्ष्मी से सुख समृद्धि की कामना कर रहा है। इसी बीच हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे लक्ष्मी मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां कोई मूर्ति नहीं लेकिन इसके बावजूद यहां पर दीपावली पर भक्त दीप जलाने के लिए पहुंचते हैं और उन पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है। ये मंदिर भगवान रामराजा की प्रसिद्ध नगरी ओरछा में स्थित है जो अपनी अद्भुत कलाकृति के लिए भी प्रसिद्ध है।

मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा को भगवान रामराजा की नगरी और बुंदेलखंड की राजधानी कहा जाता है। ओरछा में एक ऐसा लक्ष्मी मंदिर है जिसमें पिछले 41 सालों से कोई मूर्ति नहीं है लेकिन इसके बावजूद दीपावली पर यहां दिया जलाने के लिए भक्तों की भीड़ लगती है। 17वीं सदी में बने इस मंदिर में पहले मां लक्ष्मी व अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां थीं लेकिन साल 1983 में मंदिर की मूर्तियां चोरी हो गई थीं। तब से इस मंदिर का गर्भगृह सूना पड़ा हुआ है।
ओरछा के मां लक्ष्मी मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में हुआ था। 1622 ईस्वी में वीर सिंह देव ने इसे बनवाया था जो ओरछा के पश्चिम में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात इसमें बनी कलाकृतियां हैं। यहां 17वीं और 19वीं शताब्दी के चित्र बने हुए हैं। चित्रों के चटकीले रंग इतने जीवंत लगते हैं, जैसे वह हाल ही में बने हों। यह देश में एकलौता ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण तत्कालीन विद्वानों द्वारा श्रीयंत्र के आकार में उल्लू की चोंच को दर्शाते हुए किया गया है। मान्यता है कि दीपावली के दिन इस सिद्ध मंदिर में दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करने से वह प्रसन्न होती हैं।

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