टीकमगढ़. रबी सीजन की बोवाई में किसान पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ सप्ताह पीछे हो गया है। जल संसाधन विभाग ने भी नहरों की साफ-सफाई और मरम्मत कार्य करने में देरी कर दी है। हरपुरा नहर के सुधार कार्य और नहरों की सफाई कराने के लिए किसानों ने तहसील में शिकायत और जल संसाधन विभाग से मिले थे। पत्रिका ने ९ नवंबर को खबर का प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशन के बाद जिम्मेदार विभाग की उनकी आंखे खुली और नहर सफाई और मरम्मत कार्य करके हरपुरा नहर में पानी छोड़ दिया है। इसके साथ ही महाराजपुरा तालाब से निकलने वाली नहर का सुधार कार्य शुरू कर दिया है।
बताया गया कि जिले में तीन बांध और १२७ तालाबों से १०७०८२ हेक्टेयर जमीन की सिंचाई करते है। यह सब जल संसाधन विभाग के अधीन है। जामनी हरपुरा नहर से १९८० हेक्टेयर से अधिक, सुजारा बांध नहर से ७५१०२ हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाती है। जल संसाधन विभाग द्वारा महाराजपुरा तालाब से निकली नहर की सफाई शुरू हो गई है। हनुमान सागर तालाब की नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड दिया है। किसानों का कहना था कि इस वर्ष सिंचाई में देर हो गई है। पिछले वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह से सिंचाई कार्य शुरू हो गया था। जहां पर सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पता था, उस स्थान पर नहर के माध्यम से पानी पहुंचाया गया था।
बताया गया कि जिले में तीन बांध और १२७ तालाबों से १०७०८२ हेक्टेयर जमीन की सिंचाई करते है। यह सब जल संसाधन विभाग के अधीन है। जामनी हरपुरा नहर से १९८० हेक्टेयर से अधिक, सुजारा बांध नहर से ७५१०२ हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाती है। जल संसाधन विभाग द्वारा महाराजपुरा तालाब से निकली नहर की सफाई शुरू हो गई है। हनुमान सागर तालाब की नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड दिया है। किसानों का कहना था कि इस वर्ष सिंचाई में देर हो गई है। पिछले वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह से सिंचाई कार्य शुरू हो गया था। जहां पर सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पता था, उस स्थान पर नहर के माध्यम से पानी पहुंचाया गया था।