टीकमगढ़. सामान्य और दिव्यांग छात्रों को एक साथ बैठाकर पढाई कराने का कार्य शिक्षा विभाग ने शुरू कर दिया है। उसके लिए भोपाल स्तर से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।१५० स्कूलों में १५० छात्रों को चिन्हित कर लिया है। उन्हें बगैर भेद्भाव के अन्य छात्रों की तरह शिक्षा और खेलकूद में भी सम्मलित किया जाएगा। जिसके लिए ब्लॉक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
जिले के दिव्यांग और मानसिक विक्षिप्त छात्राओं के लिए शासन द्वारा अलग-अलग स्कूल और छात्रावासों को संचालित किया जाता है। इससे इस प्रकार के छात्रों की सोच भी भेद्भाव करने लगती थी। उनकी सोच को खत्म करने के लिए समावेशी योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत उन्हें सामान्य छात्रों के बीच बैठाकर पढ़ाई करवाई जाएगी और उनकी सोच को बदलने के लिए सामान्य तरह का व्यवहार किया जाएगा। उसके लिए जिले के चार ब्लॉकों में १५० स्कूलों में १५० छात्रों का चयन किया गया है।
जिले के दिव्यांग और मानसिक विक्षिप्त छात्राओं के लिए शासन द्वारा अलग-अलग स्कूल और छात्रावासों को संचालित किया जाता है। इससे इस प्रकार के छात्रों की सोच भी भेद्भाव करने लगती थी। उनकी सोच को खत्म करने के लिए समावेशी योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत उन्हें सामान्य छात्रों के बीच बैठाकर पढ़ाई करवाई जाएगी और उनकी सोच को बदलने के लिए सामान्य तरह का व्यवहार किया जाएगा। उसके लिए जिले के चार ब्लॉकों में १५० स्कूलों में १५० छात्रों का चयन किया गया है।
सोच को बदलने समावेशी शिक्षा का लिया जा रहा सहारा
शिक्षा विभाग के जिला आईटी प्रभारी अनूप कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में सीडब्ल्यूएसएन में १५० के अपंग एवं शारीरिक रूप से बाधित छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में सभी के साथ बैठाया जाएगा। इससे विरोधी व्यावहारिता खत्म होगी। इसके लिए समावेशी शिक्षा का सहारा लिया गया है। जिले के चारों विकासखंडों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ऐसे छात्रों को अन्य छात्रों में बैठाकर पढ़ाई कराना, उन्हीं के साथ सामाजिक वातावरण को समझाने और एक दूसरी की दूरी को कम करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं शारीरिक रूप से विकृतियुक्त बालकों को पुनर्वास कराया जाएगा। उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के जिला आईटी प्रभारी अनूप कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में सीडब्ल्यूएसएन में १५० के अपंग एवं शारीरिक रूप से बाधित छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में सभी के साथ बैठाया जाएगा। इससे विरोधी व्यावहारिता खत्म होगी। इसके लिए समावेशी शिक्षा का सहारा लिया गया है। जिले के चारों विकासखंडों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ऐसे छात्रों को अन्य छात्रों में बैठाकर पढ़ाई कराना, उन्हीं के साथ सामाजिक वातावरण को समझाने और एक दूसरी की दूरी को कम करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं शारीरिक रूप से विकृतियुक्त बालकों को पुनर्वास कराया जाएगा। उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा।
उनकी व्यवहारिता को बढ़ाने किए जाएंगे कार्यक्रम
समावेशी शिक्षा में समुदाय भावना को बढाने के लिए खेलों का आयोजन, छात्रों की समस्या का समाधान, किताबों और गीतों का आदान प्रदान, संबंधित विचारो का कक्षा में आदान प्रदान, कार्यक्रम तैयार करना, उन्हें शिक्षक की भूमिका निभाने का मौका देना, विभिन्न क्रिया कलापों के दल बनाना, अच्छा वातावरण तैयार करना, अभिभावकों का सहयोग लेना के साथ अन्य कार्यों को किया जाएगा। जिससे शारीरिक अपंगता की सोच से बच्चें आगे बढ़ेंगे।
समावेशी शिक्षा में समुदाय भावना को बढाने के लिए खेलों का आयोजन, छात्रों की समस्या का समाधान, किताबों और गीतों का आदान प्रदान, संबंधित विचारो का कक्षा में आदान प्रदान, कार्यक्रम तैयार करना, उन्हें शिक्षक की भूमिका निभाने का मौका देना, विभिन्न क्रिया कलापों के दल बनाना, अच्छा वातावरण तैयार करना, अभिभावकों का सहयोग लेना के साथ अन्य कार्यों को किया जाएगा। जिससे शारीरिक अपंगता की सोच से बच्चें आगे बढ़ेंगे।
इन विद्यालयों के शिक्षकों को दिया गया था प्रशिक्षण
फैक्ट फाइल
१५० जिले में अपंग और दिव्यांग छात्रों का हुआ चयन
३९ टीकमगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३३ बल्देवगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३४ पलेरा ब्लॉक के विद्यालय
४६ जतारा ब्लॉक के विद्यालय
इनका कहना
समावेशी शिक्षा योजना से अपंग, शरीरिक और दिव्यांग छात्रों के व्यवहार को बदलने कार्य शुरू किया है। जिले से १५० छात्र-छात्राओं को सम्मलित किया गया है। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए भोपाल स्तर से शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। ऐसे छात्रों को सामान्य छात्रों के साथ बैठाकर शिक्षा दी जाएगी।
एससी जैन, नोडल अधिकारी समावेशी शिक्षा टीकमगढ़।
फैक्ट फाइल
१५० जिले में अपंग और दिव्यांग छात्रों का हुआ चयन
३९ टीकमगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३३ बल्देवगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३४ पलेरा ब्लॉक के विद्यालय
४६ जतारा ब्लॉक के विद्यालय
इनका कहना
समावेशी शिक्षा योजना से अपंग, शरीरिक और दिव्यांग छात्रों के व्यवहार को बदलने कार्य शुरू किया है। जिले से १५० छात्र-छात्राओं को सम्मलित किया गया है। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए भोपाल स्तर से शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। ऐसे छात्रों को सामान्य छात्रों के साथ बैठाकर शिक्षा दी जाएगी।
एससी जैन, नोडल अधिकारी समावेशी शिक्षा टीकमगढ़।