टीकमगढ़. सोमवार की दोपहर १:३० बजे से नया लाइसेंस बनवाने के लिए एजेंटों के पास बालिक और लोगों की भीड़ लगी थी। ऑनलाइन सेंटरों पर ४५० रुपए अस्थाई और ११०० रुपए स्थाई लाइसेंस की रसीद कटवाई जा रही थी। इसके बाद संबंधित एजेंट परिवहन कार्यालय के बाबू के पास फार्म जमा कर रहा था। उस समय किसी भी आवेदक से वाहन टेस्ट नहीं कराया जा रहा था और ना ही ऐसी कोई व्यवस्था थी। रसीदी फार्म जमा कराओं, अस्थाई, स्थाई की फोटो निकलवाओं और कुछ ही दिनों में लाइसेंस ले जाओं की तारीख लो।
एक एजेंट ने बताया कि सही नियम तो यह है कि सडक़ पर बाइक, कार या अन्य वाहन चलाने के लिए केवल गाडिय़ां खरीद लेना काफ ी नहीं होता, उसके लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना बहुत जरूरी है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को आरटीओ यानी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफि स जाकर ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है और मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का प्रशिक्षित प्रमाण पत्र भी लगाना पड़ता है। फिर वाहन टेस्ट की जरूरत होती है, इसके बाद लाइसेंस जारी होता है। उसके लिए परिवहन विभाग के सामने दो गोल मैदान भी बनाए गए है। लेकिन यहां पर यह प्रक्रिया नहीं होती है। एजेंटों के माध्यम से सीधे दस्तावेज जमा करके लाइसेंस बनाए जा रहे है। अप्रशिक्षित के कारण आए दिन सडक़ों पर दुर्घटनाएं घटित हो रही है। जिसमें घायलों के साथ मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
एक एजेंट ने बताया कि सही नियम तो यह है कि सडक़ पर बाइक, कार या अन्य वाहन चलाने के लिए केवल गाडिय़ां खरीद लेना काफ ी नहीं होता, उसके लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना बहुत जरूरी है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को आरटीओ यानी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफि स जाकर ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है और मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का प्रशिक्षित प्रमाण पत्र भी लगाना पड़ता है। फिर वाहन टेस्ट की जरूरत होती है, इसके बाद लाइसेंस जारी होता है। उसके लिए परिवहन विभाग के सामने दो गोल मैदान भी बनाए गए है। लेकिन यहां पर यह प्रक्रिया नहीं होती है। एजेंटों के माध्यम से सीधे दस्तावेज जमा करके लाइसेंस बनाए जा रहे है। अप्रशिक्षित के कारण आए दिन सडक़ों पर दुर्घटनाएं घटित हो रही है। जिसमें घायलों के साथ मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
एक घंटे तक पत्रिका टीम एजेंट और कार्यालय का देखती रही माहौल
पत्रिका की टीम दोपहर १:३० परिवहन कार्यालय पहुंच गई थी। दोपहर २:३० बजे तक दोनों स्थानों का माहौल देखती रही। एजेंट ऐसे लग रहे थे, जैसे यह आरटीओ ऑफिस के कर्मचारी हो। वहीं लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों की भीड़ जमा हो रही थी। किसी को स्थाई और किसी को अस्थाई लाइसेंस दिए जा रहे थे। लेकिन वाहन टेस्ट का कार्य दिखाई नहीं दे रहा था। आवेदक रामबगस यादव और प्रेमपाल कुशवाहा ने बताया कि मेरे साथ के लोगों का स्थाई लाइसेंस बन गया है। उन्होंने कोई वाहन टेस्ट नहीं दिया। इस बारे में ना तो एजेंट ने बताया और ना ही लाइसेंस देने वाले बाबूओं ने।
पत्रिका की टीम दोपहर १:३० परिवहन कार्यालय पहुंच गई थी। दोपहर २:३० बजे तक दोनों स्थानों का माहौल देखती रही। एजेंट ऐसे लग रहे थे, जैसे यह आरटीओ ऑफिस के कर्मचारी हो। वहीं लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों की भीड़ जमा हो रही थी। किसी को स्थाई और किसी को अस्थाई लाइसेंस दिए जा रहे थे। लेकिन वाहन टेस्ट का कार्य दिखाई नहीं दे रहा था। आवेदक रामबगस यादव और प्रेमपाल कुशवाहा ने बताया कि मेरे साथ के लोगों का स्थाई लाइसेंस बन गया है। उन्होंने कोई वाहन टेस्ट नहीं दिया। इस बारे में ना तो एजेंट ने बताया और ना ही लाइसेंस देने वाले बाबूओं ने।
नियमों के विरूद्ध लाइसेंस बनाने का कार्य
बताया गया कि मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम १९८८ के तहत मोटर वाहन चलाने में प्रशिक्षण देने लिए स्कूल के लाइसेंस और नियमों का प्रावधान है, ये स्कूल सफल प्रशिक्षण पर प्रमाण पत्र जारी करते है, लेकिन टीकमगढ़ जिले में इस प्रकार का ड्राइविंग स्कूल नहीं है। यहां पर एजेंटों के हस्ताक्षर, ऑनलाइन रुपयों की रसीद के साथ आवेदक की फोटो को चस्पा करके परिवहन कार्यालय में जमा कर दिए जाते है। कुछ ही दिन फोटो निकलवाकर अस्थाई फिर दोवारा फोटो निकलवाकर स्थाई लाइसेंस बन जाता है। इसके बाद भी वाहन चालने का टेस्ट नहीं लिया जाता और ना ही लाइसेंस धारियों को दाएं, बांए, अंधा मोड़ों पर कैसे गाडिय़ां चलाने सहित अन्य बारीकियों को बताया जाता है।
बताया गया कि मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम १९८८ के तहत मोटर वाहन चलाने में प्रशिक्षण देने लिए स्कूल के लाइसेंस और नियमों का प्रावधान है, ये स्कूल सफल प्रशिक्षण पर प्रमाण पत्र जारी करते है, लेकिन टीकमगढ़ जिले में इस प्रकार का ड्राइविंग स्कूल नहीं है। यहां पर एजेंटों के हस्ताक्षर, ऑनलाइन रुपयों की रसीद के साथ आवेदक की फोटो को चस्पा करके परिवहन कार्यालय में जमा कर दिए जाते है। कुछ ही दिन फोटो निकलवाकर अस्थाई फिर दोवारा फोटो निकलवाकर स्थाई लाइसेंस बन जाता है। इसके बाद भी वाहन चालने का टेस्ट नहीं लिया जाता और ना ही लाइसेंस धारियों को दाएं, बांए, अंधा मोड़ों पर कैसे गाडिय़ां चलाने सहित अन्य बारीकियों को बताया जाता है।
१२ से लेकर १५ साल के नाबालिग के हाथों में बाइक
जिले के साथ नगर में बैटरी और पेट्रोल वाली बाइकों को लिए नाबालिग और बालिग प्रत्येक सडक़ पर दौड़ाते हुए दिखाई दे रहे है। बगैर लाइसेंस और हेलमेट के रेस लगाते हुए दिख रहे है। यातायात नियमों के लिए चौक चौराहा बनाए गए है, लेकिन उनके द्वारा यातायात नियमों का पालन नहीं दिया जा रहा था।
जिले के साथ नगर में बैटरी और पेट्रोल वाली बाइकों को लिए नाबालिग और बालिग प्रत्येक सडक़ पर दौड़ाते हुए दिखाई दे रहे है। बगैर लाइसेंस और हेलमेट के रेस लगाते हुए दिख रहे है। यातायात नियमों के लिए चौक चौराहा बनाए गए है, लेकिन उनके द्वारा यातायात नियमों का पालन नहीं दिया जा रहा था।