टीकमगढ़. नगर के साथ जिले का सबसे बड़ा और सुविधा युक्त ढोंगा खेल मैदान अंधेरे में डूबा है। इसका फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे है। रात्रि सात बजे से १ बजे तक पार्टियां चलती रहती है। जिससे कालोनियोंं के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को निकलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ढोंगा खेल मैदान के चारों ओर बाउंड्रीबाल के साथ डिवाइडर सहित सीसी सडक़ और दोनों ओर पेड लगे है। इस मैदान में चार एकड़ का एस्ट्रोटर्फ खेल का कार्य निर्माणधीन है। इसी में क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए खेल मैदान बने है। इसके बीच और कन्या स्कूल के पास मुख्य दरवाजा पर एक एक कक्ष बना है। लेकिन उजाला के लिए कोई लाइट व्यवस्था नहीं है। आधी रात तक इस मैदान में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है और दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों की लाइटें देर रात तक चमकती रहती है।
ढोंगा खेल मैदान के चारों ओर बाउंड्रीबाल के साथ डिवाइडर सहित सीसी सडक़ और दोनों ओर पेड लगे है। इस मैदान में चार एकड़ का एस्ट्रोटर्फ खेल का कार्य निर्माणधीन है। इसी में क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए खेल मैदान बने है। इसके बीच और कन्या स्कूल के पास मुख्य दरवाजा पर एक एक कक्ष बना है। लेकिन उजाला के लिए कोई लाइट व्यवस्था नहीं है। आधी रात तक इस मैदान में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है और दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों की लाइटें देर रात तक चमकती रहती है।
तीन द्वार स्थाई और एक अस्थाई
बताया गया कि ५० एकड़ से अधिक क्षेत्रफल का ढोंगा खेल मैदान को नगरपालिका ने सुरक्षित बनाया है। इसके चारों ओर बनाई गई बाउंड्रीबाल में तीन स्थाई द्वार बनाए है। उसमें एक अस्थाई द्वार दीवार तोडक़र बना दिया गया है। लोहे के लगाए गए गेटों को बंद करने का कार्य नहीं किया जाता है। जिसके कारण मैदान के बीच में से तीन रास्ते बने है। इसी का फायदा असामाजिक तत्वों की बैठकें लग रही है।
बताया गया कि ५० एकड़ से अधिक क्षेत्रफल का ढोंगा खेल मैदान को नगरपालिका ने सुरक्षित बनाया है। इसके चारों ओर बनाई गई बाउंड्रीबाल में तीन स्थाई द्वार बनाए है। उसमें एक अस्थाई द्वार दीवार तोडक़र बना दिया गया है। लोहे के लगाए गए गेटों को बंद करने का कार्य नहीं किया जाता है। जिसके कारण मैदान के बीच में से तीन रास्ते बने है। इसी का फायदा असामाजिक तत्वों की बैठकें लग रही है।